पटना. एएन सिन्हा संस्थान, पटना में कबीर के लोग, बंदी अधिकार आंदोलन और उद्देश्य भारती के संयुक्त बैनर तले संविधान दिवस के मौके पर विभिन्न विभूतियों को नीलकंठ सम्मान प्रदान किया गया. इस दौरान “जेल सुधार और सुधारात्मक न्याय” पर विमर्श का भी आयोजन हुआ. मुख्य अतिथि विधि व राजस्व व भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार ने कहा कि जब समाज सुधरेगा, तब जेल में भी सुधार होगा. उसके पहले स्वयं में सुधार लाना होगा. जेल में सुधार के लिए जो भी विधि में सुधार की जरूरत होगी उसे हमलोग करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता जनता की भलाई और कानूनों को सकारात्मक रुप प्रदान करना है.
बिहार के जेल अनूठे प्रयोग में अव्वल
वक्ता के तौर पर मौजूद बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ करेक्शनल एडमिनिस्ट्रेशन, हाजीपुर के निदेशक नीरज कुमार झा ने कहा कि बिहार के जेल अनूठे प्रयोग करने में अव्वल है, हर जेल में इग्नू के अध्ययन केंद्र खुले है और कैदी पढ़ रहे है. झा ने कहा ति जेल में बंद महिलाओं के बच्चों के जन्म दिवस हम सभी केक काट के मनाते है. उन्होंने प्रदेश की जेलों को सरकार के सिद्धांतों के अनुसार आदर्श केंद्र बनाने की बात भी कही. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बीजेपी नेता और एमएलसी संजय पासवान ने बंदी अधिकार जैसे महत्वपूर्ण विषय पर कई महत्वपूर्ण बातें कही.
पूर्णकालिक कारा मंत्री बनाने की हुई मांग
बंदी अधिकार आंदोलन के संयोजक संतोष उपाध्याय ने कहा कि गांधी और अहिंसा के देश में जेलों में कैदियों के साथ पाशविक व्यवहार हो रहाहै. उन्होंने बिहार सरकार में पूर्णकालिक कारा मंत्री के बनने और बक्सर के अलावा अन्य स्थानों पर ओपन जेल खोलने की बात भी कही. उन्होंने मुल्ला कमिटी की अनुशंसाएं लागू करने की मांग भी रखी.
प्रदेश की इन विभूतियों को मिला नीलकंठ सम्मान
इस अवसर पर बिहार के विभिन्न क्षेत्रों के विभूतियों को सम्मान प्रदान किया गया. जिनमें दैनिक हिंदुस्तान से जुड़ी सविता, राष्ट्रीय सहारा के अवध कुमार सहित अन्य लोग शामिल थे. कार्यक्रम के दौरान मोहम्मद काशिफ़ यूनुस, तुषारकान्त उपाध्याय, इरफान अहमद फ़ातमी, मंजू शर्मा, शांतनु कुमार आदि मौजूद थे. धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर गुरु प्रकाश ने किया.