रोहतास जिले के कैमूर पहाड़ी पर रहने वाले दो किशोर की प्रदूषित पानी पीने से मौत और पांच दर्जन लोगों के बीमार होने की जानकारी मिलने के बाद मेडिकल टीम शुक्रवार रात नौहट्टा प्रखंड के चुन्हट्टा गांव में पहुंची। इस टीम का नेतृत्व डाक्टर राजीव कुमार कर रहे थे। जानकारी मिली है कि यह टीम जंगल में भट गई थी। इस दौरान वो सोली गांव पहुंच गई थी। जिसके बाद सोली हाईस्कूल के हेडमास्टर बब्बन चौबे ने उन सभी को गांव पहुंचाने में मदद की। मेडिकल टीम ने रात में ही हर घर जाकर ग्रामीणों को जगाया और उसके बाद बीमार लोगों की जांच कर दवाई भी मुहैया कराई। बताया जा रहा है कि यहां के ग्रामीण इसे भूत प्रेत का प्रकोप समझ रहे थे और इलाज के लिए ओझा को गांव बुलवाया था। इस टीम ने ग्रामीणों को मोटीवेट कर इस तरह के अंधविश्वास से दूर रखने की सलाह भी दी। भोजन व पानी की में समस्या होने के कारण यह समस्या बढ़ी है। डॉक्टरों की टीम ने ग्रामीणों को गर्म पानी पीने और ताजा भोजन करने की सलाह भी दी। गौरतलब है कि अभी भी कई बीमार लोगों का इलाज कैमूर जिले के अधौरा और भभुआ में चल रहा है।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, बिहार के रोहतास जिले के कैमूर पहाड़ी पर बसे नौहट्टा प्रखंड के पिपरडीह पंचायत के चुनहट्टा गांव में दूषित पानी पीने से बीमार दो लोग बीमार पड़ गए थे। जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। जबकि इस कारण करीब 60 लोग अन्य लोगों के बीमार होने की जानकारी मिली थी। यह सभी मजदूर के तौर पर अपने परिवार के साथ वन विभाग की ओर से जंगल में पौधारोपण के लिए मिट्टी कोड़ने के काम के लिए चेनारी थाना के पहाड़ी गांव चपरी के जंगल गए हुए थे। इसी दौरान नदी का दूषित पानी पीने के कारण ग्रामीण बीमार हो गए।
(रिपोर्ट: विजय पाठक)