रोहतास (Rohtas) जिले के नौहट्टा प्रखंड क्षेत्र के कैमूर पहाड़ी (Kaimur Hills) के चुन्हट्टा गांव में डायरिया बीमारी की समस्या मलेरिया (Malaria) की ओर बढ रही है। इस बीमारी के शिकार वैसे लोग हुए हैं जो बीते दिनों मजदूरी करने के लिए जिले के चेनारी थाना क्षेत्र के चपरी जंगल मे पहुंचे थे। यहां मेडिकल टीम ने 48 लोगों की जांच की। इस दौरान 18 मलेरिया पॉजिटिव पाए गए। किशोरों की मौत की जानकारी मिलने के बाद संवाददाताओं की एक टीम इस गांव में पहुंची। इस दौरान मीडियाकर्मियों ने गांव के इन मजदूरों से बातचीत की। मजदूरों ने बताया कि उन सभी को चेनारी रेंज के वनरक्षी मनीष यादव तथा टाइगर टेकर कमलेश कुमार बोल्डर स्ट्रक्चर तैयार कराने ले गए थे। जिसमें कई बाल मजदूर भी शामिल थे।
जंगल में नहीं थी रहने और पेयजल की व्यवस्था
मजदूरों के अनुसार, चपरी जंगल में इनके रहने व पेयजल की व्यवस्था नहीं थी। इस कारण इन सभी को पेड़ के नीचे सोना पड़ रहा था और चपरी नदी के जमा हुए पानी को पीने और अन्य कार्य के लिए इस्तेमाल करते थे। इसी पानी को पीने के कारण इन सभी की तबीयत खराब हो गई। जिसके बाद ट्रैक्टर से सभी ग्रामीण अपने गांव वापस पहुंचे। ज्यादा तबीयत खराब होने के बाद कई ग्रामीण ओझा कि शरण में जा पहुंचे। जबकि बीमार में से कई अधौरा और भभुआ इलाज के लिए पहुंचे।
अब तक 4 लोगों की हो चुकी है मौत
जानकारी के लिए बता दें कि इसी गांव की रहने वाली किशोरी फूलवंती कुमारी, रवि उरांव व प्रेमशीला की मौत हो गई है। जबकि वहीं कैमूर जिले के अधौरा थाना के दुग्घा गांव के नागेंद्र उरांव की भी मौत शनिवार की शाम हो गयी थी। समस्या बढ़ने के बाद इसकी जानकारी स्थानीय पंचायत के मुखिया श्यामनारायण उरांव ने प्रशासनिक अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी थी। जिसके बाद रोहतास जिले के सीएस सुधीर कुमार व महामारी विशेषज्ञ प्रियमोहन सहाय नौहट्टा पीएचसी की टीम के साथ चुन्हट्टा पहुंच कैंप किए।
रिपोर्ट: विजय कुमार पाठक