विजय कुमार पाठक, नौहट्टा (रोहतास)। रोहतास जिले के नौहट्टा प्रखंड क्षेत्र के कैमूर पहाड़ी के चुन्हट्टा गांव मे तीन बच्चों की मौत के मामले की जांच सोमवार को डेहरी एसडीओ ने की। जांच के दौरान एसडीओ ने मजदूरों से घटनाक्रम की जानकारी ली। इस दौरान एसडीओ ने मजदूरों से बाल मजदूर की संख्या और बीमारी के कारणों के संबंध में पूछताछ की। इस दौरान मजदूरों ने डेहरी एसडीओ को बताया कि चपरी जंगल मे ठेकेदारी पर काम कराने वाले चेनारी रेंज के वनकर्मी उन्हें वहां ले गए थे। मजदूरों ने काम की अवधि ज्यादा होने और मजदूरी कम मिलने की भी शिकायत प्रशासनिक अधिकारी से की।
मजदूरों ने यह भी जानकारी दी कि जंगल में वन विभाग ने रहने और काने के लिए किसी भी तरह की व्यवस्था नहीं की थी। इस दौरान वहां काम करने वाले ये मजदूर पेड़ के नीचे टेंट लगाकर सोते थे और पास के पानी के स्त्रोत का इस्तेमाल पीने और खाना बनाने के लिए करते थे। मामला सामने आने के बाद मीडिया में प्रमुखता से इसे प्रकाशित किया गया। जिसके बाद प्रशासन की नींद खुली। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों का दौरा शुरू हो गया।
डीएम को सौंपी जाएगी जांच रिपोर्ट
इस संबंध में एसडीएम ने मीडिया को बताया कि जलस्रोत का दूषित पानी पीने और रहने के कुइंतजाम के कारण यह घटना घटी। एसडीओ ने यह भी बताया कि इस मामले की जांच कर ली गयी है। जिसकी रिपोर्ट रोहतास डीएम को सौंप दी जाएगी।
मृतकों के परिजनों को मिला कबीर अंतेष्टि योजना का लाभ
मृतक के परिजनों को मुखिया श्यामनारायण उरांव ने तीन तीन हजार रूपये कबीर अंतेष्टि योजना के लाभ के तौर पर दिया। इस मौके पर एसडीपीओ संजय कुमार, एसएचओ संजय कुमार वर्मा, लेबर इंस्पेक्टर, पीएचइडी के अभियंता के अलावा कई अन्य लोग मौजूद थे।