अवनीश मेहरा, डेहरी-ऑन-सोन। मोबाइल पर फोन की घंटी बजी और आपको दूसरी तरफ से लॉटरी या फिर बैंक अकाउंट में गड़बड़ी की बात बताता शख्स अपनी बातों में फंसाकर आपके पैसे निकालने में कामयाब हो जाता है। इस तरह के फर्जीवाड़े का धंधा कई सालों से लगातार जारी है। इस तरह के मामला सामने आने के बाद पुलिस जांच में झारखंड के जामताड़ा के गिरोह की संलिप्तता की बात लगातार सामने आती रही। जामताड़ा बैंक फ्रॉड के नए हब के तौर पूरे देश में प्रसिद्ध हो गया। उसके बाद इस तरह के मामलों को दिखाती एक फेमस वेब सीरीज जामताड़ा भी बनी। जिसे काफी पसंद किया गया।
अब रोहतास जिले में रहने वाले लोग एक अलग तरह के फर्जीवाड़े का शिकार हो रहे हैं। फेसबुक की क्लोन आईडी बनाकर फ्रेंड लिस्ट मे शामिल रहे लोगों से फर्जीवाड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है। संदेश भेजकर इमरजेंसी की हालत बताते हुए पैसे की डिमांड की जा रही है। ज्यादातर जागरूक नागरिक इस तरह के फर्जी संदेशों को समझते हुए ठगी के शिकार से बच जा रहे हैं। फिर भी कई लोग इसके शिकार हो जा रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि इस तरह के ज्यादातर मामलों में झारखंड की राजधानी रांची के अलावा कोलकता के गिरोह की संलिप्तता सामने आई है।
नजदीकी थाने में दर्ज कराई जा सकती है शिकायत
ऐसे किसी भी तरह के प्रयास की शिकायत नजदीकी पुलिस थाने में कराई जा सकती है। माना जाता है कि फर्जीवाड़े के शिकार ज्यादातर लोग पुलिस थाने जाकर शिकायत करने से परहेज करते हैं। लेकिन वरीय पुलिस पदाधिकारी इससे साफ इनकार करते हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि साइबर क्राइम से संबंधित मामलों की शिकायत आने के बाद पूरी प्रक्रिया के तहत इसकी जांच होती है। जिले में साइबर क्राइम से निपटने के लिए पूरी टीम लगातार काम कर रही है। इसके अलावा इंस्पेक्टर स्तर के एक अधिकारी की नियुक्ति इस तरह के मामलो की मॉनिटरिंग के लिए की गई है। साइबर क्राइम का कोई भी मामला सामने आने के बाद तय प्रकिया के तहत एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है।
रोहतास जिले में हर साल आते हैं औसतन 60-70 मामले
दरअसल, साइबर क्राइम के मामलों में एफआईआर दर्ज होने के बाद इसकी जानकारी संबंधित पुलिस थाना जिला पुलिस मुख्यालय डेहरी स्थित साइबर शाखा को देते हैं। औसतन पूरे जिले इससे संबंधित 60-70 मामले हर साल सामने आते हैं। साइबर क्राइम में बैंक फ्रॉड, एटीएम डेबीट कार्ड के माध्यम से होने वाले फर्डीवाड़े और सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले फर्जीवाड़े और आपत्तिजनक पोस्ट आते हैं। सोशल मीडिया से संबंधित केस सामने आने के बाद फेसबुक या संबंधित वेबसाइट को इसकी जानकारी साइबर शाखा के द्वारा साझा की जाती है। जिसके बाद संबंधित आरोपी यूजर की पूरी जानकारी पुलिस को मिल जाती है। पुलिस इन मामलों में आरोपी के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया के तहत जांच करती है और संबंधित पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने का प्रयास भी करती है।
फेसबुक से होने वाले फर्जीवाड़े से बचने के लिए जरूरी है जागरूकता
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि साइबर क्राइम के मामलों से निपटने के लिए आम जन के बीच जागरूकता की जरूरत है। रोहतास जिले में इंटरनेट से होने वाले इकोनॉमिक फ्रॉड से निपटने के लिए संबंधित सेल लगातार काम कर रहा है। इसके अलावा समाज मे तनाव पैदा करने के लिए अगर सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जाता है तो पुलिस इस तरह के मामलों से तत्काल निपटती है। वरीय अधिकारियों ने इस संबंध में जिले के थानों को स्पष्ट निर्देश दे रखा है। अधिकारियों ने साफ किया है कि साइबर क्राइम का कोई भी मामला सामने आने के बाद संबंधित थाने में तत्काल शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया है ताकि पीड़ित पक्ष को जल्द न्याय मिल सके।