डिजिटल टीम, डेहरी-ऑन-सोन। शांति से पढ़ाई करने के लिए छात्र, युवा और पढ़ने में रुचि रखने वाले हर उम्र के लोग लाइब्रेरी का रुख करते हैं। करियर के लिए बेहतर विकल्प लाइब्रेरी साइंस की पढ़ाई हो सकती है। लाइब्रेरी साइंस में बैचलर, मास्टर्स के अलावा डिप्लोमा कोर्स भी किया जा सकता है। 12वीं पास करने के बाद आप अपने करियर को रास्ता देने के लिए लाइब्रेरी साइंस के क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं। जमुहार के नारायण मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के लाइब्रेरियन सय्यद अली हसनैन का कहना है कि इसमें टिचिंग में जाने का बेहतर विकल्प भी मौजूद है। इसके अलावा छात्रों के पास एमफील और पीएचडी की पढ़ाई का विकल्प भी मौजूद है।
लाइब्रेरी साइंस को माना जाता है आकर्षक करियर विकल्प
शांत और स्थिर करियर तलाशने वाले युवाओं के लिए इसे आकर्षक करियर विकल्प माना जाता है। एक लाइब्रेरियन के तौर पर आपको किताबों को हर तरीके से लेकर संवारने का काम तो मिलता ही है। इसे काफी जिम्मेदारी वाली काम माना जाता है। पढ़ाई की फीस निजी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में 40 से 50 हजार तक हो सकती है। जबकि सरकारी कॉलेज में इसकी फीस 5 से 10 हजार तक होती है। लाइब्रेरियन सय्यद अली हसनैन का मानना है कि आज के दौर में इस फील्ड में जॉब्स की कमी नहीं है। प्राइवेट सेक्टर, स्कूल और कॉलेज के अलावा सरकारी उपक्रमों और विभागों में भी लाइब्रेरियन के पद के लिए वैकेंसी निकलती है। इसकी पढ़ाई करने के बाद लाइब्रेरी अटेंडेंट के अलावा जूनियर लाइब्रेरियन, डिप्टी लाइब्रेरियन, चीफ लाइब्रेरियन जैसे पदों पर काम करने का अवसर मिलता है।
बिहार में लंबे समय से नहीं निकली है सरकारी नौकरियों में वैकेंसी
बताया जा रहा है कि बिहार के सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में लंबे समय लाइब्रेरियन के पद पर वैकेंसी नहीं निकली है। लेकिन बड़ी संख्या में निजी स्कूलों और कॉलेजों के अलावा टेक्निकल कॉलेज में भी लाइब्रेरियन बनने का विकल्प मौजूद है।
सार्वजनिक लाइब्रेरी की दिखती है कमी
बिहार के छोटे बड़े शहरों में आपको लाइब्रेरी या वाचनालय में बैठकर पढ़ने के प्रति रुचि की कमी दिखती है। इसके अलावा सरकारी स्तर पर इसके लिए प्रयास भी नहीं किया गया है। लेकिन राजधानी पटना के अलावा बड़े शहरों में लोग आज भी लाइब्रेरी में जाकर पढ़ते हैं।