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अवनीश मेहरा, डेहरी-ऑन-सोन। प्राइवेट स्कूल संचालन करने वालों की समस्या अभी तक नहीं सुलझ सकी। बिहार सरकार के गाइडलाइन्स के अनुसार अभी 9वीं और 10वीं का क्लास चल रहा है। बिहार सरकार या केंद्र सरकार ने किसी भी तरह का अनुदान इन स्कूलों को नहीं दिया है। इसके अलावा पिछले 7 साल से 25 प्रतिशत बच्चों की आरटीई में एडमिशन हुआ था उनका ट्यूशन फीस का भुगतान नहीं किया गया है। गौरतलब है कि पिछले साल 14 मार्च से ही कोरोना गाइडलाइन के कारण बंद है। इसका 1 साल पूरा होने जा रहा है। विद्यालय संचालकों का आरोप है कि सरकार की तरफ से राहत देने की किसी भी तरह की पहल नहीं की गई। इस संबंध में प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एशोसियशन के प्रखंड अध्यक्ष अरविंद भारती ने कहा कि यहां के प्राइवेट स्कूल के संचालकों की समस्या को राज्य स्तर पर सुलझाने के लिए उनका संगठन लगातार काम कर रहा है।
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सब्जी बेचने और गार्ड बनने को हुए मजबूर
स्कूल संचालक नाम ना छापने की शर्त पर बता रहे हैं कि उनके यहां काम करने वालों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है। इस कारण कई लोग सब्जी बेचने का काम करने लगे। इसके अलावा नाइट गार्ड का भी काम कर रहे हैं। विद्यालय संचालकों की मांग है कि सरकार क्लासेज पूरी तरह शुरू करे तो उनके आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकेगा। जबकि अभिभावकों की चिंता बच्चों के पढाई के नुकसान होने की है।
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