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डेहरी आन सोन, रोहतास। वंचित समाज को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर लगातार प्रयास किया जा रहा है। योजनाओं और सरकारी प्रयास के बावजूद मुख्यधारा में लाने के लिए महत्वपूर्ण शिक्षा के प्रसार से ही बदलाव संभव है। अनुसूचित जाति के सबसे नीचले पायदान से संबंध रखने वाले रोहतास जिले के अकोढ़ीगोला प्रखंड के पहले युवा को नौकरी मिलने के बाद डोम समुदाय के लोग फूले नहीं समा रहे हैं। एससी एसटी समाज के कई लोगों का मानना है कि अपनी बदहाली और समस्याओं का रोना रोने की जगह शिक्षा को माध्यम बनाकर ही विकास की पहल की जा सकती है। दरअसल, डेहरी अनुमंडल के बांक के रहने वाले राकेश कुमार ने अपनी मेहनत की बदौलत सीमा सुरक्षा बल में नौकरी पाई है। माना जा रहा है कि इस जाति से संबंध रखने वाले वे रोहतास जिले के पहले युवा होंगे जो देश की प्रतिष्ठित नौकरी के लिए चुने गए हैं। 29 मार्च को उन्हें राजस्थान के जोधपुर में योगदान करना है।
सुगन राम के पुत्र राकेश कुमार की इस सफलता पर परिजन और समाज के लोग फूले नहीं समा रहे हैं। राकेश ने मैट्रिक ने अपने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई काफी अच्छे नंबरों से पास की है। इसके अलावा उन्होंने कम्प्यूटर तथा आईटीआई की भी कोर्स कर रखी है।
राकेश कुमार को हमेशा विश्वास रहा कि शिक्षा के बगैर समाज का विकास कतई संभव नहीं है। इसके प्रति उनका जुनून इस तरह का रहा कि वो आज भी लगभग 60 बच्चों को लगातार मुफ्त में पढाते हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि जाति की वजह से उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हमेशा इस बात पर विश्वास किया कि समाज के विकास के लिए सबसे जरुरी शिक्षा का प्रसार है। शिक्षा के कारण ही समाज के मुख्यधारा में शामिल होकर विकास की समग्र पहल की जा सकती है।
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