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क्षेत्रीयसमाचार

फणीश्वर नाथ रेणु राष्ट्रीयता के समर्थवान कथाशिल्पी -भारत यायावर

GOVINDA MISHRA
Last updated: 2021/03/18 at 8:50 AM
GOVINDA MISHRA  - Founder Published March 18, 2021
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डेहरी-आन-सोन (रोहतास)। फणीश्वरनाथ रेणु संपूर्ण हिन्दी साहित्य में रिपोर्टिंग को कथा आंचलिकता में राष्ट्रीयता और वैश्विकता के सबसे समर्थवान कथाशिल्पियों में एक हैं। प्रेमचंद के जमाने में हिन्दी की उपन्यास विधा बदलाव का साहित्यिक औजार बनी थी। रेणु ने प्रेमचंद की उस यथार्थवादी परंपरा को अपने समय की प्रामाणिकता से महाकाव्यात्मक लय की नई ऊंचाई के साथ लैस किया। यह विचार रेणु की जीवनी और साहित्य पर खोजपूर्ण अग्रणी कार्य करने वाले हजाराबीग के साहित्यकार व कवि प्रो। भारत यायावर ने मंगलवार देर शाम राजपूतान मुहल्ला में एक विचार गोष्टि में कही । यायावर की साहित्यकार ग्राम परिपथ यात्रा के क्रम में डेहरी-आन-सोन में वरिष्ठ कवि कुमार बिन्दु और युवा पत्रकार गोविन्दा मिश्रा के संयोजन में विचार-गोष्ठी का आयोजन किया गया।

उन्होंने कहा कि भारत यायावार उनकी रचनाओं में तुरंत स्वतंत्र हुए भारत के तत्कालीन समय के जातिवाद, अफरशाही, राजनीतिक अवसरवाद, मठ-आश्रम के पाखंड आदि का चित्रण पूरी मानवीय संवेदना के साथ अभिव्यक्त हुआ है। उन्होंने कहा कि रेणु सही अर्थ में बिहार की धरती पर पैदा हुए एक युगद्रष्टा साहित्यकार थे। वे यहां डेहरी-आन-सोन में रात्रि विश्राम के बाद बुधवार को बिहार के 20वींसदी के शीर्ष साहित्यकारों में से एक शिवपूजन सहाय के गांव की यात्रा पर निकल गए।

वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण किसलय की पुस्तक के तीसरे संस्करण का हुआ विमोचन

इस संगोष्ठी में प्रो यायावर ने वरिष्ठ विज्ञान लेखक-संपादक कृष्ण किसलय की नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया द्वारा प्रकाशित विज्ञान के इतिहास और हिन्दी में अपनी विषय-वस्तु की प्रथम पुस्तक ‘ सुनो मैं समय हूं ‘के तीसरे संस्करण का विमोचन ने किया। हजारीबाग के वरिष्ठ पत्रकार समालोचक गणेशचंद्र राही ने रेणु के उपन्यासों-कहानियों के पात्रों पर नई दृष्टि सम्मत विचार रखते हुए कहा कि रेणु का रचना संसार विलक्षण है. संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रो प्रदीप दुबे ने की। संगोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण किसलय, उपेन्द्र मिश्र, मिथिलेश दीपक,अजय कुमार ,मदन कुमार ,राम अवतार चौधरी , संजय सिंह बाला, सुरेंद्र तिवारी, अवधेश कुमार सिंह, उमाशंकर पांडेय, निशान्त राज, गोविंदा मिश्रा आदि ने रेणु के साहित्य और रचना संसार पर अपनी-अपनी बातें रखीं। संगोष्ठी के आरंभ में उपेन्द्र मिश्र ने आगतों का स्वागत किया, कृष्ण किसलय ने संचालन किया और कुमार बिन्दु ने धन्यवाद-ज्ञापन किया।

GOVINDA MISHRA

Proud IIMCIAN. Exploring World through Opinions, News & Views. Interested in Politics, International Relation & Diplomacy.

TAGGED: Dehrionsone LAtest News, dehrionsone rohtas, rohtas news
GOVINDA MISHRA March 18, 2021 March 18, 2021
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