नई दिल्ली. हर व्यक्ति अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए समाज में कुछ ऐसा काम करना चाहता है जिससे उसके एक छोटे से प्रयास से किसी के चेहरे पर ख़ुशी लाई जा सकें। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित व विविध प्रतिभाओं के धनी प्रमोद कुमार सुमन और चंदन कुमार ने आवर मिट्टी फाउंडेशन का गठन किया है। जैसा कि मिट्टी नाम से प्रतीत होता है अपनी मिट्टी यानी अपने जन्म भूमि की यादें एक बार अनायास आपके जेहन में घूम जाती है। कोई भी व्यक्ति चाहे अपने जीवन में कितनी भी उच्चाइयों को पा लें लेकिन उसे अपनी मिट्टी से कटने का दर्द हमेशा कुरेदता रहता है। शहरी आपधापी वाले जीवन में यदि उसे अचानक अपने मिट्टी से जुड़े खान-पान, रीति- रिवाज, भाषा -बोली, हंसी- ठिठोली, पर्व- त्योहार, कला-संस्कृति को जीवंत कर दिया जाए तो उसमें अचानक फिर से उन्हीं ऊर्जा को संचार हो जाता है जिसकी कमी के कारण वह स्वयं को अधूरा समझता है। इन्हीं गैप को भरने का प्रयास है आवर मिट्टी फाउंडेशन। MITTI (Migrant Intellectuals Treasuring Tradition and Identity) का मतलब है देश विदेश में बसे बुद्धिजीवी प्रवासियों को अपनी परम्परा कला संस्कृति की पहचान से परिचित करना ताकि वह अपने पीढ़ियों में जीवंत कर सके।
अपने इन्हीं प्रयासों को जन- जन तक पहुंचाने के लिए आवर मिट्टी फाउंडेशन ने दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, लोधी एस्टेट में एक सांस्कृतिक व सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सह विधान पार्षद माननीय उपेंद्र कुशवाहा ने हिस्सा लिया। श्री कुशवाहा ने मिट्टी फाउंडेशन की टीम इस प्रयास को सराहते हुए उज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जिस तरीके से इस कार्यक्रम का नाम अंकुरण रखा गया वह वास्तव में मिट्टी से जुड़ने का अहसास करता है। यह जो अंकुरण हुआ है उसको पोषित करने के लिए सूरज की रोशनी, पानी, हवा आदि की जरुरत होती है इस बात का भी ख्याल रखा जाना चाहिए। इस अंकुरण को प्रस्फुटित करने में मेरा जो भी योगदान होगा उसको यथा संभव करूंगा।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि एक बेहतर समाज के निर्माण के लिए आवर मिट्टी फाउंडेशन जैसे संस्थाओं को महत्ती भूमिका होती है। आज लोग रोजगार की तलाश में लोग तेजी से अपने राज्य को छोड़ कर दूसरे राज्य या विदेशों में अपना स्थाई घर बना रहे हैं, लेकिन उनके बाल-बच्चे अपनी सभ्यता और संस्कृति से जुड़ नहीं पाते ऐसी स्थिति में इस तरह की संस्थाओं का योगदान महत्वपूर्ण हो जाता है।
इस कार्यक्रम में बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर आल इंडिया रेडियो के कलाकार संतोष नाहर, प्रसिद्ध क्लासिकल गायक पंडित भोलानाथ मिश्रा, विशेष अतिथि सोसायटी आन रेंट के निदेशक मनीष कुमार,MUBG ग्रुप के निदेशक धीरेंद्र कुमार और श्रीमती अनीता सक्सेना और International DELPIC Council के एडवाइजर और साउथ एशिया के इंचार्ज व झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री विजेंद्र गोयल शामिल हुए।
इस कार्यक्रम को अपने शास्त्रीय संगीत, लोक गायकी के लिए विख्यात कलाकार डॉ अमृता दत्ता और इंडियन आइडल फेम दिवाकर के गुरु व शास्त्रीय संगीत के गायक पंडित ओमकार भारद्वाज ने अपनी सूफ़ी संगीत की गायकी से लोगों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में मिट्टी फाउंडेशन को समय समय पर अपने महत्वपूर्ण सुझावों से अवगत कराने वाले इनके सलाहकार Pragati Electrocom Pvt Ltd के निदेशक वीरेंद्र कुमार, पायलट राजा तरुण, सोनेतास मीडिया के निदेशक सरोज मेहता, सहायक प्रोफेसर डॉ अमित कुमार, प्रकाश कुमार को सम्मानित किया गया।
आवर मिट्टी फाउंडेशन के प्रेसिडेंट चंदन कुमार ने कहा कि हमारी संस्था क उद्देश्य है नई पीढ़ी को हमारे सांस्कृतिक धरोहर के बारे में जागरूक करना और शिक्षा व रोजगार के माध्यम से कमजोर तबके और वैसे छात्र को प्रशिक्षण देना ताकि वह स्वयं को समाज में सम्मान के साथ जीवन जी सकें।
संस्था चेयरमैन प्रमोद कुमार सुमन ने कहा कि हमारी संस्था शिक्षा के अलावा लोक कला -संगीत, खान -पान, लुप्त हो रही परम्परा को लेकर आने वाले समय कार्यक्रम का आयोजन करेगी ताकि जो लोग अपने मिट्टी से जुड़ाव महसूस कर सकें। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मिट्टी फाउन्डेशन के उपाध्यक्ष व CSR Head संगीता भगत, प्रोजेक्ट हेड मनीष कुमार सिन्हा, ओमप्रकाश सिंह, रवि वर्मा, गुरकिरण कौर, प्रज्ञा राज, पूनम सुमन, तन्वी प्रिया, शालिनी गुप्ता, शिवानी त्यागी ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।