मेदनीनगर (पलामू)। इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने वैक्सीन उत्पादन के संदर्भ में केंद्र सरकार पर कमिश्नखोरी का आरोप लगाया है। सोमवार को एक वीडियो बयान में उन्होंने कहा कि इतनी धीमी वैक्सिनेशन और इसके उत्पादन के लिए केवल 2 कंपनियों को ही ठेका देना संदेह उत्पन्न करता है क्योंकि सरकार के पास वैक्सीन उत्पादन में तेज़ी लाने के दूसरे विकल्प मौजूद हैं लेकिन सरकार बार-बार विपक्ष के आग्रह करने के बावजूद उसपर अमल नहीं कर रही।
वैक्सीन उत्पादन में लाई जानी चाहिए तेजी
इंटक अध्यक्ष ने कहा कि जिस धीमी गति से वैक्सिनेशन का काम चल रहा है उससे पूरे देश को टीका लगाने में कई साल लग जाएंगे और लाखों लोगों की जानें चली जायेगी ऐसे में वैक्सीन उत्पादन में तेज़ी ही एक मात्र उपाय है। ऐसे में देश के पूर्व प्रधानमंत्री मानमोहन सिंह जी ने मार्च में ही सरकार को इस संदर्भ में सलाह दी थी कि वैक्सीन उत्पादन में विदेशी कंपनीयों को भी सरकार शामिल करे लेकिन सरकार ने उनकी ये सलाह मनाने के बजाये स्वास्थ्य मंत्री से उनके इस सलाह का मखौल उड़वाया जिसका नतीजा है कि पिछले तीन महीनों में लाशों के ढेर लग गये।
इस तरह केंद्र सरकार पर पैदा होता है संदेह
त्रिपाठी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा कि विपक्ष व सरकार में शामिल लोगों के बार-बार कहने के बावजूद भी दूसरे कंपनियों को वैक्सीन उत्पादन के ठेके न देना और देश की इतनी बड़ी आबादी के वैक्सिनेशन के लिए केवल 2 कंपनियों भारत बायोटेक व सीरम इंस्टिट्यूट से ही टीके खरीदना देश के आम आदमी के दिमाग में भी यह संदेह पैदा करता है कि सरकार का इन दोनों कंपनियों से अंडर द टेबल सौदा है और सरकार विदेशी या अन्य देशी कंपनियों को इसमें शामिल नहीं करना चाहती।
दूसरी कंपनियों को भी केंद्र सरकार वैक्सीन उत्पादन में करे शामिल
उन्होंने सरकार से एक बार पुनः आग्रह किया कि केंद्र सरकार बिना समय गवाएं दूसरे कंपनियों को भी वैक्सीन उत्पादन में शामिल करे व जरूरत पड़ने पर विदेशी कंपनियों से भी वैक्सीन की खरीद करे ताकि राज्यों को टिके की किल्लत न हो व समय से लोगों का वैक्सिनेशन हो सके।
रिपोर्ट: नीतेश तिवारी, संवाददाता।