मेदिनीनगर (पलामू)। पलामू प्रमंडल में पिछले कुछ दिन पूर्व भी बारिश हुई और अब चक्रवाती तूफान यास की असर से बारिश हो रही है। यह बारिश पलामू प्रमंडल के किसान भाईयों के लिए बरदान साबित होगी। बारिश से प्रमंडलक्षेत्र के किसानों को खरीफ फसलों, लतरयुक्त एवं पौधायुक्त सब्जियों की अगेती बुआई में फायदा होगा। यह बारिश धान के बिचड़े गिराने का भी अच्छा अवसर है। किसान भाई अपने खेतों में मक्का, अरहर, उरद, बराई, तील आदि दलहनी फसलों की अगेती बुआई कर सकते हैं। यह बातें पलामू आयुक्त जटाशंकर चौधरी ने कही। आयुक्त ने कहा है कि फसलों की अगेती बुआई से किसानों को काफी फायदा होता है। जून में मानसून की प्रवेश की संभावनाओं को देखते हुए खरीफ की अगेती फसलों की बुआई के लिए यह उपयुक्त मौसम आ गया है। धान के बिचड़े गिराने का अच्छा अवसर है, ताकि समय पर धान की नर्सरी तैयार हो जाए। धान की नर्सरी लेई या बोदर दोनों कैटेगरी में तैयार की जा सकती है। दोनों कैटेगरी के लिए मौसम अनुकूल है। नर्सरी तैयार रहने पर मानसूनी बारिश होते ही उसे खेतों में रोपाई करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि पलामू प्रमंडल क्षेत्र में बारिश पर निर्भर रहने वाले एवं बारिश आधारित खेती करने वाले किसानों के लिए यह बारिश काफी फायदेमंद है। चक्रवाती तूफान यास से होने वाली बारिश अच्छा साबित होगा। आमतौर पर बारिश के इंतजार में फसलों की बुआई में देरी हो जाती है। जिन किसानों के पास सिंचाई के साधन है वे तो समय पर काम कर लेते हैं, लेकिन कम संसाधन वाले किसानों को दिक्कत होती है। वे अच्छे से और समय पर खेती नहीं कर पाते हैं, जिससे फसलों का अच्छादन ठीक से नहीं हो पाता है। इससे किसान भाईयों के बीच समस्या उत्पन्न हो जाती है। उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इसी को देखते हुए यह तूफान किसानों भाईयों को खेती के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। किसान भाई समय पर अपनी खेती कर सकेंगे। आयुक्त ने कहा है कि किसानभाई सबसे निचली भूमि में धान के बिचड़े व फसल लगायें। इससे पैदावार अच्छा होगा। वहीं उंचे एवं मध्यम दर्जे अथार्त टांड़ एवं ढलान जैसी खेतों में मक्का व दलहनी फसलों को लगायें। उन्होंने कहा है कि बारिश थमने एवं खेतों की मिट्टी भुरभुरी होने की स्थिति में किसान भाई अपने खेतों की जुताई- कोड़ाई भी शुरू कर दें। उन्होंने मक्का एवं अरहर, उरद, बराई आदि दलहनी फसल लगाने का कार्य करने की सलाह दी है।
आयुक्त ने पलामू प्रमंडल क्षेत्र के किसानों से लतरयुक्त एवं पौधायुक्त सब्जी की खेती करने की भी सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि मिट्टी के अनुरूप सब्जी की खेती से किसानों को फायदा मिलेगा। पलामू प्रमंडलक्षेत्र की भूमि सब्जियों की खेती के लिए भी काफी उपयुक्त है। उन्होंने कहा है कि आगामी मानसून की प्रवेश के मद्देनजर लतरयुक्त सब्जी की खेती जैसे- कद्दू, नेनूआ, करेला, कोहड़ा, परोरा/गईता, कुंदरी, बोदी, खीरा, सिम आदि की सब्जी लगाया जा सकता है। वहीं किसान भाई अपने खेतों में पौधायुक्त सब्जी जैसे- भींडी, बैगन, टमाटर, मिर्च आदि की अगेती खेती कर सकते हैं। इससे किसान भाईयों को अधिक मुनाफा मिलेगा। उन्होंने किसानो को मिट्टी से जूड़कर समय से फसलों को लगाने की तैयारी प्रारंभ करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि वर्तमान में लगे खीरा, नेनूआ, कद्दू आदि की फसल को बारिश से थोड़ी नुकसान हो सकती है, लेकिन बारिश के बाद मिट्टी की नमी से अगेती फसल काफी लाभप्रद साबित होगा।