हैदरनगर। सोन नदी के किनारे बसे लोगों को प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। दूसरे दिन भी पांच फीट से अधिक जलस्तर बढ़ा है। इस कारण हैदरनगर थाना क्षेत्र के अधौरा से लेकर दंगवार के बीच रहने वाले ग्रामीण काफी भयभीतच दिख रहे हैं। शुक्रवार को करीब 4 बजे दिन से सोन नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। करीब तीन किलोमीटर तर केवल सोन नदी में बाढ़ का पानी ही दिखाई दे रहा है। बता दें कि यास चक्रवाती तूफान के कारण यूपी और एमपी के सीमावर्ती क्षेत्र से लगातार दो दिनों से बारिश होने के कारण नही का जलस्तर बढ़ा है। सोन नदी के ऊपरी भाग बाण सागर व रिहन्द बांध से पानी छोड़ने के कारण बिहार और झारखंड के सीमावर्ती इलाके के ग्रामीणों को अलर्ट जारी कर दिया गया है।
हुसैनाबाद अनुमंडल प्रशासन ने ग्रामीणों को किया अलर्ट
सोन नदी के बढ़ते जलस्तर को देखकर हुसैनाबाद अनुमंडल प्रशासन भी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अलर्ट करने का निर्देश पूर्व से ही जारी किया है। सोन नदी के बीचों बीच देवरी के उस पार डीला पर दर्जनों स्थानीय किसान के साथ साथ उतर प्रदेश के कुछ गवार जाति के लोग काफी दिनों से रहकर खेती करते हैं। जिसे प्रशासन पहले से ही अलर्ट कर दिया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मौसम बदलने के कारण सोन नदी में भयंकर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे ही बाढ़ में प्रत्येक वर्ष किसानों के जमीन नदी में समा जाती है। उन्होंने कहा कि झारखंड व बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र का सबसे बड़ा सोन नदी है। जो रिहन्द से निकलकर गंगा में समाहित होता है। उन्होंने यह भी कहा कि सोन नदी में भयंकर बाढ़ आने के बाद नजारा ही कुछ अलग देखने को मिलता है। किंतु हमलोग के ग्रामीण क्षेत्र में बाढ़ से बचाव के लिए किसी भी तरह का कोई सरकार द्वारा सुविधा उपलब्ध नहीं कराया गया है।
स्थानीय प्रशासन को अनुमंडल प्रशासन ने किया है अलर्ट
हुसैनाबाद के अनुमंडल पदाधिकारी कमलेश्वर नारायण भी स्थानीय प्रशासन को अलर्ट किया है। उन्होंने अनुमंडल के सभी थाना व ओपी प्रभारी को सोन नदी के तटवर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों को सतर्क कराने का निर्देश दिया है। साथ ही सोन नदी के डिला पर बसे लोगों को भी सुरक्षित स्थान पर लाने का आग्रह किया है। हालांकि तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण हैदरनगर, हुसैनाबाद व मोहमदगंज प्रखंड क्षेत्र के सभी नदी नाले के साथ साथ सभी खेत भी जलमग्न हो गए हैं।