डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। इंद्रपूरी (कदवन) जलाशय परियोजना के निर्माण के पूरा नहीं होने के कारण पूरे शाहाबाद औऱ मगध क्षेत्र के किसानों की परेशानी बढ़ी है। दिवंगत पीएम राजीव गांधी के प्रयास से 15 जून 1989 को इस महत्वकांक्षी परियोजना को मंजूरी मिली थी। जिसके लिए तत्कालीन सांसद राम अवधेश सिंह ने प्रयास किया था। उनके संघर्ष की यात्रा सरकारों की अकर्मण्यता के कारण पूरी नहीं हो सकी। आज लोहिया विचार मंच के संयोजक संजय सिंह की अध्यक्षता में इंद्रपूरी डैम स्थल पर जलाशय परियोजना दिवस मनाया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरा हो जाने के पूरे इलाके को सुखाड़ की समस्या से बचाया जा सकता है। साथ ही पूरे शाहाबाद और मगध इलाके के किसानों को हर साल तीन गुना ज्यादा पानी मिलेगा। लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण इसका निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं हो सका। कदवन दिवस के इस कार्यक्रम के दौरान रमेश कुमार सिंह, राधेश्याम पाल, धनजी यादव, दिवाकर, कमलेश सिंह, आजाद पाल, कृष्णा यादव, राजेश सिंह, लक्ष्मण पाल, रामनरेश सिंह, मुन्ना कुमार, पप्पू सिंह, मनोज सिंह, संतोष सिंह, रामाश्रय सिंह, अधिवक्ता संदय कुमार, मनीष चंद्रा मौजूद थे।
आज भी किसान जोह रहे हैं बांट
इंद्रपूरी (कदवन) जलाशय परियोजना के निर्माण के पूरा नहीं होने के कारण पूरे शाहाबाद औऱ मगध क्षेत्र के किसानों की परेशानी बढ़ी है। दिवंगत पीएम राजीव गांधी के प्रयास से 15 जून 1989 को इस महत्वकांक्षी परियोजना को मंजूरी मिली थी। जिसके लिए तत्कालीन सांसद राम अवधेश सिंह ने प्रयास किया था। उनके संघर्ष की यात्रा सरकारों की अकर्मण्यता के कारण पूरी नहीं हो सकी। इंद्रपूरी जलाशय परियोजना (पूर्ववर्ती नाम कदवन जलाशय परियोजना) के निर्माण कार्य का शिलान्यास बिहार के तत्कालीन सीएम जगन्नाथ मिश्र ने 1990 में किया था। इस परियोजना का निर्माण कार्य अब तक अधूरा है। इस परियोजना का निर्माण कार्य बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे नौहट्टा प्रखंड मटियांव गांव में होना है। फिलहाल झारखंड की आपत्ति के कारण इसका निर्माण कार्य अधूरा है। शाहाबाद और मगध क्षेत्र के किसानों को अब भी इस परियोजना के पूरे होने का इंतजार है। किसानों की आस फिलहाल पूरी नहीं हो सकी।