हैदरनगर. हुसैनाबाद अनुमंडल के हैदरनगर प्रखंड अंतर्गत रानिदेवा सोन नदी घाट की अधिकतम बोली 10 लाख 80 हजार लगाई गई. सोन नदी घाट का बोली लगाने के लिए रानिदेवा सोन नदी घाट पर तीन लोगों ने अलग अलग बोली लगाकर 10 लाख 80 हजार में नागेंद्र चौधरी ने अपने नाम करा लिया. जबकि देवरी स्थित सोन नदी घाट पर चार लोगों ने डांक में शामिल होकर 7 लाख 20 हजार किया. जो देवरी गांव निवासी राजू सिंह पिता बद्री सिंह के नाम से किया गया. दोनों घाटों के बोली लगाने का कार्य पलामू के उपविकास आयुक्त के कार्यालय में डांक बोली लगाई गई. पहले रानिदेवा स्थित सोन नदी घाट का 6 लाख 11 हजार था किंतु इस वर्ष 10 लाख 80 हजार का उच्चतम बोली लगाकर सरकार को मुनाफा पहुंचाने में काफी सहूलियत मिली है. इस संबंध में रानिदेवा घाट के संचालक नागेंद्र चौधरी एंड ग्रुप ने बताया कि यह सोन नदी घाटी रानिदेवा के नाम से है किंतु कुछ दिन पूर्व कबरा गांव के लोगों द्वारा डांक लिया जा रहा था.
इधर देवरी स्थित सोन नदी घाट का नामित व्यक्ति राजू सिंह ने बताया कि पहले देवरी घाट के कुछ लोगों द्वारा एक लाख 36 हजार में डांक की बोली लगाकर लिया गया था. किंतु इस वर्ष सरकार के खाते में 7 लाख 20 हजार की अधिकतम बोली लगाकर सरकार के खाते को मुनाफा पहुंचाया गया है. दोनों सोन नदी घाटों पर गहमा गहमी के बीच डांक की बोली लगाई गई. जहां दोनों घाटों के लगभग 50 से अधिक लोग शामिल थे. यह घाट का अवधि 2 जुलाई 2021 से नए नाव संचालक के जिम्मे रहेगा। जो एक जुलाई 2022 तक चलेगा.
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रानिदेवा स्थित सोन नदी घाट पर लॉकडाउन होने के कारण पहले के नाव संचालक परमेन्द्र सिंह ने न्यायालय की शरण ले रखी है. इस संबंध में प्रमेन्द्र सिंह ने बताया कि अगले वर्ष 6 लाख 11 हजार का डांक था. किंतु लॉकडाउन के कारण लग्न के दिनों में अप्रैल माह से ही सरकार व पलामू के उपायुक्त के निर्देश पर नाव घाट पूर्ण रूप से बंद है. उन्होंने न्यायालय में अर्जी देकर डांक का आधा पैसा वापस करने या नए नाव घाट का डांक स्थगित कर पुराने नाव घाट के संचालकों को नाव घाट सुपुर्द करने के लिए न्यायालय व उपायुक्त पलामू से गुहार लगाई है.