हैदरनगर. हुसैनाबाद अनुमंडल के चर्चित उतर कोयल मुख्य नहर सिंचाई परियोजना से आद्रा नक्षत्र में पानी नहीं छोड़ने को लेकर किसान काफी आक्रोशित थे. मीडिया की खबरों के बाद पानी आनन फानन में छोड़ने के लिए अधिकारी व कर्मचारी जुट गए. हैदरनगर, हुसैनाबाद व मोहमदगंज के अलावा बिहार के नबीनगर व औरंगाबाद के कुछ भागों के जमीन लगभग 18 हजार हेक्टेयर भूमि को इसी उतर कोयल मुख्य नहर से पटवन की जाती है.
नहर में पानी नहीं छोड़ने के कारण किसानों के धान के बिजड़े नहीं डाले गए थे. ग्रामीण बताते हैं कि लगातार दो वर्षों से उतर कोयल मुख्य नहर का मरम्मती का कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है जो आज भी अधूरा है. जिस कारण नहर में पानी छोड़ने में लगातार दो वर्षों से विलम्ब हो रही है.
किसानों ने यह भी कहा कि नहर में कार्य करा रहे बिहार के संवेदक द्वारा नहर के कार्य को घटिया तरीके से किया जा रहा है। जिसका ग्रामीण सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी पूर्वजोर विरोध किया था. इसके बाद भी संवेदक अपने कार्यप्रणाली में सुधार नहीं किया. ग्रामीण यह भी बताते हैं कि निर्माण के जगहों पर हल्की बारिश में ही नहर की ढलाई में कई जगहों पर नहर का दरार खुल गया जो जांच का विषय है. उतर कोयल मुख्य नहर में अब तक ट्रायल के लिए मात्र 250 क्यूसेक पानी को छोड़ा गया है. जो हुसैनाबाद अनुमंडल सहित नबीनगर क्षेत्र के कुछ भागों तक ही नहर का पानी पहुंच सकता है.
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किसानों ने यह भी कहा कि नहर का पानी का बहाव अधिक नही बढ़ाया गया तो खेतों तक पानी नही पहुंचेगा. ग्रामीणों ने यह भी कहा है कि नहर के ढलाई में लगे संवेदक के कार्य प्रणाली का अविलम्ब जांच को अन्यथा नहर निर्माण कार्य के बाद से ही क्षतिग्रस्त हो जाएगा.