हैदरनगर. एकाएक मौसम का मिजाज बदलते ही प्रचंड धूप व उष्म भरी गर्मी से लोगों को राहत मिल गया है। इधर किसानों के चेहरे पर भी खुशी देखने को मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्र के किसान बताते हैं कि आषाढ़ माह के अंत मे मौसम का मिजाज बदल जाने से बारिश का आसार जग गया है। रविवार को सुबह से हुई बारिश में धान के बिजड़े व भदई फसल को भी फायदा हुआ है। किसानों ने कहा कि अब लोगों को प्रचंड धूप से जो बिजड़े व भदई फसल सुख रहे थे उसमें जान आने की उम्मीद है।
अगर यही रवैया रहा तो किसान का बिजड़ा भी एक सप्ताह के अंदर धान रोपने के योग्य हो जाएगा। किसानों ने कहा कि उत्तर कोयल मुख्य नहर के निचले भाग्य में छिट फुट धान की रोपणी की शुरुआत हो गई है। किंतु पहाड़ी क्षेत्र के गांवों में अब तक धान का एक भी बान नही गाड़ा जा सका है। अगर क्षेत्र में लगातार बारिश हुई तो किसान अब अपने घर पर नही खेतो में दिखेंगे। धान रोपने का समय सावन मास के अंतिम समय तक है। इस समय मे अगर धान की रोपणी हो गई तो किसान अपने मेहनत के बल पर अच्छी पैदवार कर सकते हैं।
ये भी पढ़ें: पूर्व सैन्यकर्मी लव किशोर सिंह का वेटर्न्स संस्थान के प्रदेश उपाध्यक्ष के तौर पर मनोनयन
हालांकि किसानों ने यह भी कहा कि हल्की बारिश से लोगों को राहत तो मिली है किंतु धान रोपने योग्य बारिश नही है। इधर उतर कोयल मुख्य नहर के निचले भाग के किसानों ने कहा कि धान की रोपणी तो प्रारम्भ किया गया है किंतु धूप के कारण धान रोपने वाले मजदूर भी अब हांफने लगे हैं। मौसम के बदलाव होते ही मजदूरों में भी खुशी है। इस क्षेत्र के अधिकतर उतर कोयल मुख्य नहर से मिलने वाले पानी से धान रोपने के लिए अधिक किसान रोपना का प्रयोग करते हैं। जो रोपना बिहार के मुंगेर क्षेत्र से आकर किसानों के खेतों में धान रोपने का कार्य करते हैं। किसान जयनंदन पाठक, बिनोद सिंह, सतेंद्र सिंह,सहित कई किसानों ने कहा कि रोपना मात्र धान का दो गाछ ही खेतों में लगाते हैं। जिससे धान का फसल भी अच्छा उपज होता है। और धान के बिजड़ा भी खेतों में कम लगते है।