बिहार के मुख्यमंत्री और आर्थिक अपराध ईकाई से जांच की मांग की गई है।
वार्ड पार्षद संजीत सिंह ने दिया है आवेदन
डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। डेहरी विधायक फते बहादूर सिंह पर अवैध संपत्ति अर्जित करने और सरकारी भूमि अपने नाम पर कराने का आरोप लगाया है। वार्ड पार्षद संजीत सिंह ने इस मामले की जांच कराने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री और आर्थिक अपराध ईकाई को आवेदन दिया है। उनका आरोप है कि डेहरी विधायक ने बड़े पैमाने पर अवैध संपत्ति अर्जित की है। इसके अलावा आवेदक ने विधायक पर भूमि घोटाला में संलिप्त होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि डेहरी विधायक ने डेहरी अंचल के मौजा कटार में एक एकड़ से ज्यादा जमीन गैरकानूनी तरीके से अपने नाम कर ली है। आवेदक का कहना है कि यह भूमि बिहार सरकार के नाम से दर्ज है। वार्ड पार्षद का दावा है कि आनावाद बिहार सरकार की भूमि की बंदोबस्ती भी की गई हो तो उसका विक्रय या किसी व्यक्ति को हस्तानांतरित नहीं की जा सकती है। पहले यह जमीन महेश सिंह यादव के नाम से अंकित थी। उनके मृत्यू के बाद इस जमीन को उनके पत्नी के नाम निबंधन कराया गया। आवेदक ने इस जमीन के रजिस्ट्री के जांच की मांग की है। आवेदक ने कहा है कि इस जमीन के नामांतरण आवेदन को अंचलाधिकारी ने कर्मचारी और अंचल निरीक्षक के प्रतिवेदन के आधार पर अस्वीकृत कर दिया। वार्ड पार्षद ने कहा कि विधायक ने सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से भूमि घोटाले को अंजाम दिया है।
विधायक ने आरोपो को किया खारिज
मीडिया से बातचीत के दौरान विधायक फते बहादूर सिंह ने इस मामले को पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि जाति प्रमाण पत्र के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए इस मामले को उछाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया के तहत जमीन की खरीद दी गई है।
डीएम ने दिए जांच के आदेश
इस मामले में रोहतास डीएम ने जांच का आदेश दिया है. इसके लिए दो सदस्यीय टीम बनाई गई है. जिसमें डेहरी के एसडीएम समीर सौरभ के अलावा बिक्रमगंज के डीसीएलआर मधुसुदन प्रसाद शामिल हैं. डीएम ने इस मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है.