हैदरनगर. हैदरनगर थाना क्षेत्र के झारखंड सीमा स्थित रानिदेवा गांव के समीप सोन नदी के बीच धार पर विराजमान दसशिशानाथ महादेव पर सावन की दूसरी सोमवारी जलाभिषेक करने कोई भी श्रद्धालु नहीं पहुंच सके। सोन नदी के ऊपरी भाग में लगातार हो रही बारिश के कारण सोन नदी में दोनों ओर से बाढ़ का नजारा देखने को मिल रहा है। इस बाढ़ में कोई भी नाविक दसशिशानाथ महादेव पर श्रद्धालुओं को जल चढ़ाने के लिए नाव नही ले गए। नाविक बताते हैं कि दोनों ओर से लगभग तीन किलोमीटर में बाढ़ का पानी ही नजर आ रहा है। दसशिशानाथ महादेव के समीप नाव रोकने के लिए कोई जगह खाली नहीं है। उक्त दसशिशानाथ महादेव के स्थान के समीप पानी का तेज धार का भी बहाव है। जिस कारण नाविक भी वहां जाने से कतरा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार लगातार चार दिनों से सोन नदी में भयंकर बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। सोन नदी के ऊपरी क्षेत्र में बाण सागर व रिहन्द बाण से भी पानी का बहाव किया जा रहा है। जिस कारण अभी भी सोन नदी तटवर्ती क्षेत्र के लोग बाढ़ की भय से उबरे नही हैं। कई गण्यमान लोगों ने बताया कि बाढ़ के पानी के बाद अविलंब पानी कम करने को लेकर रिहन्द व बाण सागर से भी पानी को कम किया जाता है इसके पूर्व स्थानीय दोनों बिहार व झारखंड क्षेत्र को अलर्ट जारी कर दिया जाता है। जिससे प्रशासन सतर्क हो जाती है। दो दिन पूर्व ही इन दोनों बड़े डैम द्वारा क्षेत्र को अलर्ट किया गया है। हालांकि इंद्रपुरी जलाशय भी पानी की निकासी के लिए 45 गेट को ओपेन कर दिया है।
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इंद्रपुरी जलाशय में कुल 69 गेट हैं। अभी भी 24 गेट बंद है। इंद्रपुरी जलाशय से दो लाख 16 हजार 375 क्यूसेक पानी की बहाव कर रही है। जो पूरे सोन नदी का पानी कोइलवर के समीप गंगा में समाहित हो जाती है। स्थानीय कई बुजुर्गों ने बताया कि सोन नदी ने बाढ़ का पानी जब आता है तो धीरे धीरे बढ़ता भी है व धीरे धीरे घटता भी है। सोन नदी का मुख्य पहचान शांति से बाढ़ आना बताया।