डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। रोहतास और कैमूर जिले के पहाड़ी इलाकों की पूरी तस्वीर को बदला जा सकता है। इलाकों में ग्रामीण पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इसपर अगर प्रदेश सरकार ध्यान दे तो रोजगार के बेहतर अवसर लोगों को उपलब्ध कराए जा सकते हैं। पर्यटन विशेषज्ञ सौरभ कृष्णा ने बुधवार को डेहरी में मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि बिहार का यह इलाका आज भी पर्यटकों से काफी दूर है। फिलहाल की परिस्थिति में यहां के युवा सोशल मीडिया के माध्यम से बेहतरन वीडियो तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा अपने स्तर से भी देश और विदेशों में रहकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक और प्रशासनिक इच्छाशक्ति से इसके लिए सार्थक पहल की जाए तो इन दो जिलों में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ सकती है। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिल सकता है। ग्रामीण पर्यटन में पीएचडी करने वाले सौरभ ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले पर इसकी संभावनाओं पर अपनी रिसर्च पूरी की है। देश के प्रतिष्ठित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस से इस विषय पर पीएचडी करने वाले सौरभ कृष्णा रोहतास जिले के पहले व्यक्ति हैं।
डालमियानगर के रहने वाले सौऱभ फिलहाल देश के प्रतिष्ठित ताज होटल ग्रुप्स से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की धरती में असीम संभावनाएं है। पर्यटन की दृष्टि से प्रदेश का हर इलाके की अपनी विशेषता है। जिसमें अगर सही तरीके से निवेश किया जाए तो यहां के लोगों के जीवनस्तर को बेहतर करने की पहल की जा सकती है। सौरभ ने मॉडल स्कूल से अपनी 10वीं की पढ़ाई पूरी की थी। सौरभ ने इग्नू से एमए की पढ़ाई के दौरान गोल्ड मैडल प्राप्त किया है। इसके अलावा उनके पर्यटन को बेहतर करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने साल 2018 में टूरिज्म अवार्ड के लिए अनुशंसित किया जा चुका है।