संवाददाता, डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। श्रीभगवान सिंह कुशवाहा और उपेंद्र कुशवाहा के जदयू में शामिल होने पर कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है। इसका सकारात्मक प्रभाव अभी से देखने को मिल रहा है। राजद के कुशासन के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले अग्रणी नेताओं की घर वापसी से पार्टी और मजबूत होगी। यह बातें जदयू नेता और तिलौथू प्रखंड प्रमुख कपिल कुमार ने रविवार को डेहरी में एक प्रेस वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि वैचारिक तौर पर दोनों नेता सामाजिक न्याय के सिद्धांत पर कार्य करते रहे हैं। लालू के शासन के खिलाफ लंबे समय तक सभी ने संघर्ष किया। इनके पार्टी में आने से उसे और मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले समर्पित कार्यकर्ताओं का उत्साह भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा समता पार्टी के समय से ही पार्टी को मजबूत करने का काम करते रहे हैं। आज भी पूरे बिहार में उनका काफी प्रभाव है। इसके साथ ही उन्होंने अपने कार्यकाल में सांसद के तौर पर भी काराकाट संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए सार्थक पहल की। इन दोनों नेताओं के वापस आने के बाद नीतीश कुमार को भी मजबूती मिली है।
नीतीश कुमार के विजन के साथ खड़े हैं बिहार के लोग
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विजन के साथ पूरे बिहार के लोग खड़े हैं। एनडीए को बहुमत मिलने के बाद सत्ता मिली। पूरे बिहार में विकास योजनाओं को समय से पूरा किया जा रहा है। इसके अलावा पंचायतों को सशक्त करने के लिए भी लगातार प्रयास किया जा रहा है। जिसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है। प्रेस वार्ता के दौरान जिला महासचिव संतोष शुक्ला, तिलौथू प्रखंड अध्यक्ष अरुण राम मौजूद थे।
श्रीभगवान की सभी वर्गों के कार्यकर्ताओं के बीच है तगड़ी पैठ
श्रीभगवान सिंह की रोहतास जिले के अपने जाति के अलावा सभी वर्ग के लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं में तगड़ी पैठ मानी जाती है। कार्यकर्ताओं के बीच वो काफी लोकप्रिय हैं। कुशवाहा विधानसभा चुनाव के दौरान जगदीशपुर से टिकट न मिलने से काफी नाराज थे। जिसके बाद वो लोजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे। हालाकि चुनावी जीत न मिलने के बावजूद वो जदयू की आधिकारिक उम्मीदवार को नुकसान पहुंचाने में कामयाब हुए। लेकिन नीतीश कुमार के आमंत्रण पर वापस जदयू में शामिल हुए हैं। उनके जदयू में शामिल होने के दौरान पूरे रोहतास जिले से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पटना पहुंचे थे।
दरअसल, विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद नीतीश कुमार अपने पुराने लव कुश समीकरण को फिर से मजबूत करने की तैयारी कर रहे हैं। इसी कारण कुशवाहा नेताओं को पार्टी में जगह दी जा रही है। लंबे समय तक नीतीश के साथी सहे उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी बनाकर प्रदेश में राजनीति कर रहे थे. एनडीए के शासनकाल में मंत्री रहने के दौरान एनडीए से उनकी नाराजगी बढती गई. जिसके बाद वो आरजेडी के साथ भी गठबंधन कर चुके थे. पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी आरजेडी से भी दूरी हुई. जिसके बाद एआईएआईएम-बीएसपी के गठबंधन के साथ उनकी पार्टी ने चुनाव लड़ा.