- प्रभावित क्षेत्रों के साथ-साथ आस-पास के गांव में कैंप लगाकर बाटी जा रही है दवाई
- स्वच्छता को लेकर प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को किया जा रहा है जागरूक
सासाराम (रोहतास) जिले के नौहट्टा प्रखंड के कुछ गांव में डायरिया का प्रकोप को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सजग है। इसको लेकर डायरिया प्रभावित क्षेत्रों में कैंप लगाकर लोगों को दवाइयां बांटी जा रही हैं और आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं। नौहट्टा प्रखण्ड का अधिक गांव पहाड़ों पर बसा हुआ है। दुर्गम रास्तों की वजह से मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव देखने को मिलता जिस वजह वहां के लोगों में जागरूकता की कमी देखी जाती है। हालांकि समय समय पर स्वास्थ्य विभाग कैम्प लगाकर सभी लोगों को जागरूक करने का काम करती है। एवं स्वास्थ्य संबंधी सभी कार्यक्रमों को वहाँ संपादित किया जाता है। इसके साथ नौहट्टा प्रखण्ड के कई गांवों में खासकर डायरिया प्रभावित इलाकों व गांव में स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ जिला प्रशासन की पैनी नजर है। डायरिया का प्रकोप देखने के बाद गांव के लोगों को नियमित ओआरएस, दवाइया एवं सलाह दिये जा रहें हैं।
नौहट्टा प्रखण्ड का गई गांव है प्रभावित क्षेत्र
रोहतास जिले के नौहट्टा प्रखंड में अक्सर डायरिया एवं मलेरिया जैसे रोगों का लक्षण अक्सर सुनने एवं देखने को मिलता है और इस बीमारी से दर्जनों प्रभावित होते हैं। एक हफ्ता पूर्व नौहट्टा प्रखंड के ही कैमूर पहाड़ी स्थित सलमा गांव में डायरिया का प्रकोप देखा गया। तकरीबन आधा दर्जन लोग डायरिया के चपेट में आये थें। खबर मिलते ही स्वास्थ विभाग की टीम उक्त गांव पहुंचकर बीमारी का जायजा लिया और स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराया जाने लगा। बताते चलें कि पिछले बुधवार को जैसे ही पिपडीह पंचायत अंतर्गत सलमा गांव में डायरिया होने की सूचना रेफरल अस्पताल नौहट्टा को मिली उसी दिन तत्काल राहत सामग्री व जरूरी दवाइयां लेकर स्वास्थ्य कर्मियों की टीम रात करीब 1 बजे सलमा गांव पहुंची और गांव के सभी घरों में जा जा कर लोगों को ओआरएस एवं आवश्यक दवाइयां वितरित किया गया जिस कारण डायरिया पर नियंत्रण पाया गया।
साफ सफाई का रखें ख्याल — डॉ केएन तिवारी
रोहतास एनसीडीओ डॉ केएन तिवारी ने बताया कि नोहटा क्षेत्र में डायरिया का प्रकोप की खबर मिलने पर स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य कक टीम को भेजा गया और के बाद लोगों को डायरिया से बचाने के लिए कार्य जारी हो गया। उन्होंने बताया कि फिलहाल सलमा गांव डायरिया मुक्त हो गया है। फिर भी सतर्कता बरती जा रही है। साथ ही साथ वहां के लोगों को भी सतर्कता बरतने की बात कही गई है। उन्होंने बताया कि डायरी अक्सर दूषित पानी पीने से होता है। इस बीमारी से बचने के लिए दूषित पानी पीने से बचना चाहिए। ज्यादा कोशिश करना है कि साफ सुथरा एवं स्वच्छ पानी ही पीने के लिए इस्तेमाल करें। इसके अलावा घर पर के साथ साथ घर के बाहर की गबदगी भी इकट्ठा न होने दे ना हीं जल जमाव। उन्होंने कहा कि नौहट्टा प्रखंड में जहां जहां भी इस तरह की सूचनाएं मिली थीं वहां के लोगों की जांच एवं दवाई मुहैया कराई जा रही है। डॉक्टर के एन तिवारी कहा कि नौहट्टा के साथ-साथ सभी लोग साफ-सुथरे एवं स्वच्छ पानी पीने के लिए इस्तेमाल करें। साथ ही साथ डायरिया जैसे लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टरी सलाह ले।