नौहट्टा। कैमूर पहाड़ी पर घने जंगल में स्थित हरैयाडीह गांव मे डायरिया ने पचास लोगो को अपने चपेट में ले लिया है। मरीजों की संख्या बढते जा रही है लेकिन स्वास्थ्य सुविधा पहुंचना संभव नहीं है। बडी मुश्किल से चिकित्सा प्रभारी मुकेश कुमार के प्रयास से एएनएम उर्मिला कुमारी 170 बोतल पानी व दवा लेकर पहुंची लेकिन रोगियों की संख्या इतनी थी सारी दवा पानी कुछ घंटों में ही समाप्त हो गया। पचास मरीजों मे 39 नौहट्टा क्षेत्र के रहने वाले है जबकि अन्य अधौरा (कैमूर) क्षेत्र के है। नौहट्टा पीएचसी से ही रोहतास कैमुर दोनो जिला के लोगो को सुविधा मिल रही है। गांव में दीनानाथ उरांव, सीमा कुमारी, मीरा देवी,दो चंद्रावती देवी, तपेसरी देवी, लालमुनी उरांव, राहुल कुमार, जीतेंद्र कुमार, आजाद, कविता कुमारी, सिवेंद्र, श्यामनारायण, श्यामनारायण की पत्नी, सोनम कुमारी, प्रिंस कुमार सहित पचास लोग अक्रांत हैं।
बता दें कि हरैयाडीह गांव की बसावट रोहतास कैमूर दोनों जिला में है। नौहट्टा से हरैयाडीह गांव की दूरी करीब साठ किमी है। रोहतास से हरैयाडीह (30किमी) रास्ता खराब है तथा पहाड़ पर कुरमुरा नदी व दुर्गावती नदी बारिश के कारण उफान पर है। अधौरा की ओर से आने पर झोरगर नदी उफान पर है। ऐसे मे गाड़ी पार करना या पैदल पार करना मुश्किल है। यदि नदी को किसी तरह पैदल पार भी करते है तो दवा लेकर नौहट्टा की ओर से बीस किमी तथा अधौरा की ओर दस किमी पैदल चलकर गांव मे पहुंचा जा सकता है।गांव मे मोबाइल नेटवर्क नही है सात आठ किमी पैदल चलकर बात करने के लिए टीकरी पर आना पड़ता है। डायरिया की सूचना जैसे ही चिकित्सा प्रभारी मुकेश कुमार को मिली टीम को तत्काल गांव मे भेज दिए।
एएनएम उर्मिला कुमारी टीम के साथ 170 बोतल पानी व दवा लेकर पैदल घाटी के रास्ते हरैयाडीह पहुंच गयी लेकिन कुछ घंटो मे ही पानी व दवा समाप्त हो गया। पुनः बीस बोतल पानी रेहल से गया। एएनएम ने दवा पानी भेजने की सूचना भेजी लेकिन गांव सुविधा कैसे पहुंचे इसके लिए रणनीति बनाई जा रही है।मुखिया श्यामनारायण उरांव शुक्रवार को रोहतास बाजार से दवा पानी खरीदकर गांव के लिए प्रस्थान किए। अधौरा पीएचसी से कोई टीम या दवा अबतक नही पहुंच सकी है। चिकित्सा प्रभारी मुकेश कुमार व प्रबंधक रूपक सिंह ने बताया कि नौहट्टा व अधौरा दोनो क्षेत्र के हरैयाडीह गांव को नियंत्रित कर लिया गया है। और सुविधा घाटी से ही भेजने का प्रयास किया जा रहा है।दस लोग ईलाज के लिए अधौरा चले गए।
डोरी के तेल से फैलता है डायरिया
नौहट्टा प्रखंड क्षेत्र के जंगल मे एक लाख पैंतीस हजार महुआ के पेड़ है जिससे करीब बीस ट्रक महुआ निकलता है। बरसात शुरू होते ही महुआ का फल (डोरी) को लोग चुनते है तथा उसके कोयना से तेल निकालकर खाते हैं। पिछले वर्ष डोरी के तेल खाने से डायरिया फैलने की बात प्रकाश मे आयी थी। इसके अलावा धान के खेत मे काम करते समय खेत का पानी पीने से भी डायरिया फैलने की बात सामने आई थी। इन दिनों पहाड़ पर डोरी का तेल काफी मात्रा मे होता है जिसे अधिकांश लोग खाते हैं।
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कहते है अधिकारी
सीएस सुधीर कुमार ने बताया कि चिकित्सा प्रभारी मुकेश कुमार प्रबंधक रुपक सिंह राजेश कुमार टीम व दवा पानी लेकर घाटी के रास्ते पैदल गए है। दस पंद्रह किमी जंगल मे पैदल चलकर पहुंचेगे। स्थिति नियंत्रण मे है।