नौहट्टा। रोहतास कैमूर के सीमा पर स्थित हरैयाडीह गांव में फैले डायरिया को रोहतास कैमूर की मेडिकल टीम ने सांसद छेदी पासवान के प्रयास से नियंत्रित कर लिया। मेडिकल टीम ने करीब डेढ़ सौ लोगों की जीवन बचाने मे सफल रही। बता दें कि हरैयाडीह गांव रोहतास कैमूर दोनों जिला मे स्थित है तथा झोरगर दुर्गावती व कुरमुरा नदी पार करके जाना पड़ता है। हरैयाडीह मे जब डायरिया फैला उस समय नदी उफान पर था पार करना भी मुश्किल था। घाटी के रास्ते डाक्टर मुकेश कुमार, प्रबंधक रूपक सिंह, राजेश कुमार, जयंत कुमार आदि गांव तक पहुंच ईलाज किया।एएनएम उर्मिला कुमारी लगातार कैंप करके हरैयाडीह में ही रही। नौहट्टा से पहुंचने के लिए छः सात घंटे लगते थे। सांसद छेदी पासवान को जब पता चला तो कैमूर जिलाधिकारी को निर्देश देकर कैमूर मेडिकल टीम को भी हरैयाडीह भेजा।हरैयाडीह स्कूल में रोहतास कैमूर दोनों जिला के टीम ने ईलाज करना शुरू किया। कैमूर से दवा पानी लाने में काफी सहुलियत रही। नौहट्टा चिकित्सा प्रभारी मुकेश कुमार ने सांसद छेदी पासवान व कैमूर मेडिकल टीम के प्रति आभार व्यक्त किया है। वहीं सोमवार की शाम सलमा में दिनेश उरांव के तीन बच्चे तथा श्यामनारायण उरांव डायरिया के चपेट में आ गए। मुखिया श्यामनारायण उरांव ने दवा पानी भेजकर नियंत्रित किया।
क्यों फैलता है पहाड़ पर डायरिया
कैमूर पहाड़ी पर किसी न किसी गांव मे हर वर्ष डायरिया फैलता है। विगत पांच वर्षों मे करीब चालीस लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन इस वर्ष मेडिकल टीम समय रहते सचेत हो गया तथा करीब डेढ सौ लोगों की जान बचाने मे कामयाब हो गयी।बताया जाता है कि पहाड़ पर एक लाख पैंतीस हजार महुआ के पेड़ है बरसात के दिनों मेंं डोरी का तेल निकालकर पहाड़ के लोग खाते हैं। डोरी के तेल से डायरिया फैलने की बात प्रकाश मे आयी थी।
कैसे नियंत्रित हुआ डायरिया
रोहतास कैमूर दोनों जिला के लोग डायरिया के चपेट मे आ गए थे। जब मेडिकल टीम गांव मे पहुंची तो घर घर जाकर मरीजों को देखा। चिकित्सा प्रभारी मुकेश कुमार बताते हैं कि हरैयाडीह गांव मे घर घर मे गंदगी काफी पसरा था। सबसे पहले सभी मरीजों को घर से बाहर निकालकर स्कूल में शिफ्ट किया गया। स्कूल मे ही अलग अलग बेड लगाकर ईलाज शूरु की गयी। तथा गांव मे साफ सफाई कराया गया। हर जगह ब्लीचिंग पावडर का छिड़काव कराया गया। मरीज जितना ठीक होते थे उससे अधिक बीमार पडते थे। सांसद छेदी पासवान के प्रयास से कैमूर के चिकित्सक बहाबुद्दीन आरबीएसके एम ओ दवा पानी लेकर पहुंचे तब राहत मिली।
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इन लोगों का हुआ ईलाज
राहुल कुमार, श्रवण उरांव, रंजनी कुमारी, आजाद कुमार, विरेंद्र उरांव, मीरा देवी, मनीषा कुमारी, अंश कुमार, केशरीया देवी, जितेंद्र उरांव, सुनील कुमार, गोरखनाथ उरांव, लालमुनी उरांव, सिवेंद्र उरांव, चंद्रावती देवी, समरातो देवी, रघुनाथ उरांव सीमा देवी, विश्वनाथ उरांव, दीनानाथ उरांव, श्यामनारायण उरांव, कविता कुमारी, सगवंती कुमारी, चंद्रावती देवी, मोहन कुमार, कर्मदेव उरांव, प्रियंका कुमारी, राधिका देवी, सेवंती कुमारी, शिवनाथ उरांव, तपेशरी देवी, महीमा कुमारी. नंदकुमार उरांव आदि डेढ सौ लोगों का ईलाज किया गया।
कहते हैं अधिकारी
सीएस सुधीर कुमार ने बताया कि हरैयाडीह में डायरिया को पुरी तरह नियंत्रित कर लिया गया है। अब मरीज बढ नहीं रहे। अधिकांश मरीजों को छुट्टी दे दी गयी।