सहायता के लिए निबंधित डाक से सीएम
डीएम व सीएस से की गई गुहार बेअसर
बिहार मंत्री के बयान पर लग रहा प्रश्नचिह्न
बिक्रमगंज(रोहतास) कहने के लिए तो सूबे में सुशासन की सरकार स्थापित है।सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ढिंढोरा पीटते रहे है कि न्याय के साथ विकास होगा और सहजता से सबकी बाते सुन त्वरित गति से करवाई की जायेगी।लेकिन सप्ताहों से न्याय की आस लिए एक बेवा व असहाय महिला प्रतिक्षारत है कि हुक्मरान से लेकर नौकरशाह उसकी फरियाद सुन उसे न्याय दिलाएंगे।वावजूद यह आस धरी की धरी ही नजर आने लगा है।महिला ने कोरोनाकाल मे संक्रमण से प्रभावित अपने पति को खोने के बाद मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से निर्धारित राशि पाने के लिए विगत माह कागज़ातों के साथ अंचलाधिकारी बिक्रमगंज के यहां आवेदन किया।लेकिन चिकित्सक के द्वारा उक्त महिला को (कोविड सस्पेक्टेड)संदेहास्पद मौत का प्रमाण पत्र थमाए जाने से पेच फस गया है।यानी कोरोना से मौत हो भी सकता है और नही भी।जिसे सीओ ने कानून के प्रावधान का हवाला देते हुए आवेदन को ठंडे बस्ते में रख दिया है।जिससे मिलने वाली आपदा की राशि से महिला को वंचित होना पड़ रहा है। प्रताड़ना का शिकार होते देख पीड़ित गुणवंती कुंवर महिला ने चिकित्सक की कार्यशैली को बया करते हुए निबंधित डाक के जरिये सूबे के मुखिया नीतीश कुमार से लेकर डीएम व सीएस रोहतास से न्याय की गुहार लगाई थी।
लेकिन सप्ताहों बीतने के उपरांत भी न पत्र का कोई जबाब कही से आया और न ही करवाई होते ही दिख रहा है।जबकि सबंधित पदाधिकारी न्याय दिलाने के बजाय इस टालमटोल जबाब देते हुए इस मामले से अपना पाला झाड़ कन्नी काटते नजर आ रहे है।हालांकि चिकित्सक द्वारा जारी निर्गत सस्पेक्टेड प्रमाण पत्र सूबे के स्वास्थ्य मंत्री के उस बयान पर प्रश्नचिन्ह भी लगा रहा है कि जिसमे कहा गया कि जांच व इलाज के अभाव में कोरोनाकाल में किसी ब्यक्ति की मौत नही हुई है।जबकि यह रिपोर्ट चिकित्सकों की उदासीनता व लापरवाही दर्शता है तथा इससे यह प्रतीत हो रहा है कि भर्ती मरीज का इलाज के दरमियान कोई जांच ही नही कराया गया है औऱ आननफानन में कोरोना का रिपोर्ट जारी करने की जगह सस्पेक्टेड कोविड का जारी कर दिया गया है।जबकि रिपोर्ट में सारा सिस्टम कोविड का होना बताया जा रहा है ।
उल्लेखनीय है कि बिक्रमगंज नगर परिषद के वार्ड संख्या आठ के निवासी गुणवंती कुंवर के पति की मौत बीते माह चार मई को हुई थी।जिसे सास फूलने व सुगर लेवल खिसकने की शिकायत पर अनुमंडलीय रेफरल अस्पताल में तीन मई को भर्ती कराया गया था।