औरंगाबाद। सदर अस्पताल औरंगाबाद परिसर में स्थित कैदी वार्ड को खाली कर दिया जाएगा। दाउदनगर अनुमंडलीय अस्पताल में कैदी वार्ड को शिफ्ट किया जाएगा। डीएम सौरभ जोरवाल ने इस संबंध में सिविल सर्जन डा. कुमार बीरेंद्र को पत्र लिखा है। महत्वपूर्ण है कि औरंगाबाद सदर अस्पताल परिसर में माडल अस्पताल का निर्माण होना है। इस कारण वहां स्थित कैदी वार्ड को हटाया जाना आवश्यक हो गया है।
महत्वपूर्ण है कि 29 जुलाई को सिविल सर्जन ने डीएम को पत्र लिखकर कहा था कि सदर अस्पताल में माडल अस्पताल का निर्माण होना है। इसलिए यहां स्थित कैदी वार्ड को खाली कराने एवं बाधा मुक्त स्थल उपलब्ध कराया जाए। उनके अनुरोध के बाद डीएम ने यह पत्र जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि सदर अस्पताल स्थित कैदी वार्ड को खाली कराते हुए अनुमंडलीय अस्पताल दाउदनगर में उपलब्ध पर्याप्त जगह में वार्ड को शिफ्ट करने हेतु अधीक्षक मंडल कारा औरंगाबाद एवं उप कारा दाउदनगर से समन्वय स्थापित कर कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। बता दें कि सदर अस्पताल में 10 बेड का कैदी वार्ड है। सदर अस्पताल से दाउदनगर अनुमंडलीय अस्पताल में कैदी वार्ड को शिफ्ट करने का आदेश आने के बाद इसे अमल लाने की कवायद शुरू कर दी गई है। अनुमंडलीय अस्पताल में इसके लिए वार्ड तैयार किया जा रहा है। इसकी पुष्टि उपाधीक्षक डॉ. राजेश कुमार सिंह ने की है।
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दाउदनगर अनुमंडल अस्पताल में कैदी वार्ड शिफ्ट किया जाना एक बड़ा कदम है। माना यह जा रहा है कि सदर अस्पताल को माडल अस्पताल में बदलने में चार-पांच वर्ष से भी अधिक का वक्त लग सकता है और तब तक यहां कैदी वार्ड भी रहना तय है। चर्चा यह भी है कि जल्द ही सरकार अनुमंडलीय अस्पताल में स्थाई कैदी वार्ड के लिए भवन निर्माण करा सकती है। दाउदनगर अनुमंडल अस्पताल 75 बेड का है और करीब छह एकड़ का परिसर है। एक मेडिकल कालेज के लिए 10 एकड़ जमीन की अहर्ता होती है। न्यूनतम 50 सीट दिए जाते हैं तो क्या यह मान कर चला जाए कि औरंगाबाद जिले में मेडिकल कालेज दाउदनगर में हो सकता है। इसकी चर्चा दैनिक जागरण ने बुधवार को सांसद महाबली सिंह से की और उनसे यह कहा कि वे यदि प्रयास करें तो सफलता मिल सकती है। इस पर सांसद ने कहा कि वे जनता के साथ हैं और जैसा सुझाव देंगे वैसा किया जाएगा।