डेहरी ऑन सोन (रोहतास) जीवन में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा अति आवश्यक है। इसके द्वारा ही युवाओं के सपनों को बुना जा सकता है। पढ़ लिख कर समाज ही नहीं घर के परिवार को भी आगे बढ़ाया जा सकता है। परंतु सरकार के ढुलमुल नीति के कारण आज शिक्षा चौपट हो चुका है। वैशाखी के सहारे चल रहा या विभाग छात्रों के भविष्य से भी खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहा है। बताते चलें कि बिहार सरकार शिक्षा विभाग ने 11 वीं में नामांकन हेतु प्रथम चयन सूची जारी की है तथा वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय ने भी स्नातक में नामांकन हेतु प्रथम चयन सूची जारी कर दी है। नामांकन हेतु आजकल विद्यालयों एवं महाविद्यालय मैं होड़ लगी हुई हैं। भारी संख्या छात्र विद्यालय एवं महाविद्यालयों में पहुंच रहे है एवं उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कहीं विद्यार्थियों से अनावश्यक शुल्क ताशिलने की खबरे सामने आ रही है तो कहीं उन्हें भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित करने की बातें सामने आ रही है। उक्त संबंध में बातें करते हुए अभाविप वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय संयोजक यश उपाध्याय ने कहा कि आज जिस तरह शैक्षणिक संस्था में छात्र छात्राओं का शोषण हो रहा है। जिस तरह उन्हें परेशान एवं प्रताड़ित की जा रहा है, जिस तरह से उनसे अनावश्यक शुल्क लिया जा रहा है, क्या ये अधिकारियों को नहीं दिखा रहा है। क्या उन्होंने अपनी आंखो पर काली पट्टी बांध ली है। क्या वो कुंभकर्णी नींद में सोए है ?
आज कोई भी विद्यालय हो चाहे महाविद्यालय हो हर जगह तेजी से अराजकता, दलाली एवं लूट अपना पैर पसार रही है। विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा बच्चों से अनावश्यक शुल्क कभी स्थानांतरण प्रमाण पत्र, कभी अंक प्रमाण पत्र तो कभी किसी नाम पर मांगा जा रहा है। हाल ही में 11 वीं एवं स्नातक में नामांकन हेतु प्रथम चयन सूची जारी की गई है।
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नामांकन हेतु सरकार द्वारा जितनी राशि का आदेश है उससे ज्यादा, कहीं कहीं तो दुगनी रकम छात्रों से वसूला जा रहा है। छात्र छात्रा आज विलख रहे हैं क्यूंकि उनके पास नामांकन के लिए पैसे नहीं है ताकि वो पढ़ाई कर सके। एक तरफ सरकार युवाओं के रोजगार को लेकर जहां विफल नजर आ रही है वहीं दूसरी ओर शैक्षणिक संस्था के अधिकारी छात्र छात्राओं का शोषण करते हुए उनकी पढ़ाई छुड़वाने पर तुले हुए हैं। यश उपाध्याय ने कहा सरकार एक तरफ छात्राओं को के. जी से पी. जी तक मुफ्त में पढ़ाई करने का ढोंग करती है और नामांकन ही नहीं बल्कि हर चीज में विद्यालयों में महाविद्यालयों में उनसे अनावश्यक शुल्क वसुला जा रहा है पर अब परिषद् ऐसा नहीं होने देगी। अगर जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला अधिकारी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में फैली अराजकता, लूट, दलाली के खिलाफ कार्यवाही नहीं करते है तो विद्यार्थी परिषद अनुशासित एवं लोकतांत्रिक से एक महाआंदोलन करेगी।