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रांची। आर्थिक तंगी से जूझ रही एचईसी यानि हैवी इंजीनियरिंग कारपोरेशन के सामने एक और नया आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। बकाया बिजली का भुगतान नहीं करने पर झारखंड बिजली वितरण निगम ने रांची स्थित केंद्रीय उपक्रम के सभी प्लांटों की पावर आपूर्ति बंद कर दी है। एचईसी के सभी प्लांट और कार्यालय अंधकार में डूब गए हैं। करीब 2 बजे के पहले तक सामान्य रूप से एचईसी में उत्पादन कार्य चल रहा था। अचानक दो बजे के बाद प्लांट की सभी मशीनें अचानक रुक गई। पता चला कि झारखंड बिजली वितरण निगम ने 126 करोड़ रुपये बकाया के लिए एचईसी की बिजली काट दी है।
आर्थिक संकट के कारण एचईसी अपने कर्मचारियों का पिछले पांच महीने से वेतन का भुगतान नहीं कर रहा है। अब इस नए संकट ने एचईसी को पूरी तरह से झकझोर दिया है।
एचईसी के पास अभी 2000 करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर है। इसमें रक्षा, इसरो, नौ सेना के कई महत्वपूर्ण उपकरण शामिल हैं। पूंजी के अभाव में उपकरणों का काम समय पर पूरा करने में परेशानी आ रही है। कोरोनावायरस के कारण पिछले डेढ़ वर्ष से संस्थान में उत्पादन कार्य पर काफी असर पड़ा है। अब धीरे-धीरे स्थिति थोड़ी सामान्य होने लगी थी। लेकिन अब बिजली वितरण निगम ने एचईसी की बिजली काट कर करंट का झटका दे दिया है। दूसरी तरफ एचईसी का नेतृत्व कार्यकारी सीएमडी के हाथ में है, जो अब तक सिर्फ 4 बार ही एचईसी के दौरे पर आए हैं। वर्किंग कैपिटल के अभाव में एचईसी का उत्पादन कार्य प्रभावित है। बढ़िया वर्क आर्डर होने के बावजूद काम नहीं हो पा रहा है। बीच-बीच में एचईसी के बंद होने की खबर से कर्मचारियों का मनोबल भी टूट रहा था।
इन पर चल रहा है काम
-250 करोड़ का वर्क ऑर्डर इसरो और नौ सेना से मिला।
-350 करोड़ का वर्क ऑर्डर रक्षा मंत्रालय से मिला।
-सेंट्रल कोल फील्ड्स से 527 करोड़ के मगध ओसीपी कोल हैंडलिंग प्लांट का काम।
-साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स से 615 करोड़ का वर्क ऑर्डर।
-नॉर्दन कोल फील्ड्स से 167.45 करोड़ रुपये का काम।
प्लांट में कार्यशैली दिशाहीन हो गई है। नेतृत्व के अभाव में उत्पादन कार्य प्रभावित हो रहा है। लंबे अंतराल के बाद एचईसी ने कोयला का इंतजाम किया था, लेकिन तब तक मामला हाथ से निकल गया।
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वर्किंग कैपिटल की कमी के कारण उत्पादन पर पड़ रहा प्रभाव
एचईसी में आर्थिक संकट की वजह से वर्क ऑर्डर प्रभावित हो रहा है। पूंजी के अभाव में रक्षा, इसरो और माइनिंग के साथ कई सेक्टर के लिए बन रहे उपकरणों के निर्माण कार्य पर असर पड़ रहा है। कंपनी प्रबंधन कार्यशील पूंजी के लिए हाथ पांव मार रही है।
पिछले वित्तीय वर्ष में सिर्फ 200 करोड़ रुपये का ही वर्क आर्डर हुआ था पूरा
पिछले वर्ष मौजूदा लक्ष्य की तुलना में सिर्फ 50 फीसद लक्ष्य को ही पूरा किया जा सका था। एचईसी सिर्फ 200 करोड़ रुपये का ही वर्क आर्डर पूरा कर सका था। कोरोना महामारी के समय पिछले वर्ष उत्पादन पर अच्छा खासा प्रभाव पड़ा था। इस वर्ष भी यही हालात देखने को मिल रहे हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष के पहले 3 महीने में उत्पादन की स्थिति अच्छी नहीं है। अगला 9 महीना एचईसी के लिए चुनौती भरा होने वाला है।
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