
पटना /बरसात को मध्य नजर रखते हुए एनजीटी के आदेश के बाद 1 जुलाई से बालू खनन बिहार में रोक दिया गया था। इसके अलावा 5 जिलों भोजपुर, सारण, पटना, रोहतास और औरंगाबाद में नदी घाटों के बंदोबस्तधारियों द्वारा एक मई से ही बालू खनन रोकने के आदेश दे दिए गए थे और गया जिले में इससे पूर्व में बालू खनन रोक लगा दी गई थी। जिसके बाद बालू खनन 1 अक्टूबर से पुनः शुरू किया जा रहा है। पर्यावरणीय स्वीकृति को ध्यान में रखते हुए पुराने बंदोबस्तधारी को नदी घाटों पर खनन के लिए पहले से मिली पर्यावरणीय स्वीकृति को नये बंदोबस्तधारी को स्थानांतरित करने की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया।
बिहार में जुलाई से ही बालू खनन पर रोक लगा दी गई थी जिसके बाद अब बिहार के 6 जिलों भोजपुर, रोहतास, गया, पटना, सारण और औरंगाबाद में 1 अक्टूबर से नए सिरे से बालू खनन शुरू किया जाएगा। बालू खनन शुरू करने को लेकर इन जिलों के लिए पहले से मिली हुई पर्यावरणीय स्वीकृति को पुराने बंदोबस्तधारियों से नये बंदोबस्तधारियों को स्थानांतरित करने के लिए स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। राज्य में अब से पहले इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं थी, यह प्रदेश के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। जुलाई से बालू बंद होने के बाद लोगों को अधिक कीमत चुकाना पड़ रहा था पुनः बालू खनन शुरू होने के बाद बालू आसानी से और उचित कीमत पर मिल पाएगा।
खान एवं भू-तत्व विभाग द्वारा पूर्व में मिली पर्यावरणीय स्वीकृति के आधार पर इन 6 जिलों के बालू घाटों के लिए खनन का कार्य नये बंदोबस्तधारियों को सौंपने की तैयारी की जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि आगामी सप्ताह में नए बंदोबस्तीधारियों के नाम की घोषणा की जा सकती है। जिसके बाद 1 अक्टूबर से इन जिलों में बालू खनन का काम होना शुरू हो जाएगा। बालू खनन पर रोक लगने के बाद निर्माण कार्य काफी प्रभावित हुआ था खनन शुरू होने के बाद स्थिति पुनः सामान्य होगी और बालू सरकारी कीमतों पर आसानी से उपलब्ध हो पाएगा।