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बिक्रमगंज(रोहतास) कृषि विज्ञान केंद्र बिक्रमगंज रोहतास में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा संबोधित सम्मेलन में लगभग डेढ़ सौ किसानों ने भाग लिया। इस सम्मेलन का विषय जीरो बजट प्राकृतिक खेती था। इस आभासी बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी एवं गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी कृषि कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने किसानों को संबोधित किया। इस दौरान विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री भी मौजूद थे। श्री अमित शाह जी ने भारत के जीडीपी में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान के बारे में बताया एवं प्राकृतिक खेती के तरफ किसानों को बढ़ने के लिए अग्रसर होने को कहा की केमिकल उर्वरकों के इस्तेमाल से लगातार मिट्टी की उपस्थिति में कमी होती जा रही है एवं इंसानों में विभिन्न रोगों का आवाम हो रहा है। गुजरात के आदरणीय राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत जी ने अपने अपनी प्राकृतिक खेती के अनुभव को भी किसानों के साथ साझा किया कि किस तरह उन्होंने गुरुकुल कुरुक्षेत्र हरियाणा में अपने काम से प्राकृतिक खेती की शुरुआत की और उनकी मृदा के ऑर्गेनिक कार्बन को 0.34 से 0.72 प्रतिशत तक बढ़ा दिया। उन्होंने इस कार्य को श्री सुभाष पालेकर जी के मार्गदर्शन में किया के लिए उन्होंने देसी गाय के गोबर एवं गोमूत्र से बने जीवामृत, वीजा मृत का का प्रयोग कर अपने खेत की मिट्टी एवं उसमें बसे जीवाणुओं को पुनर्जीवित की करके प्राकृतिक खेती कर रासायनिक खेती से भी अधिक पैदावार उपलब्ध किया। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने हमारे देश के किसानों एवं कृषि वैज्ञानिकों को कृषि को रासायनिक प्रयोगशाला से बाहर लाकर प्राकृतिक प्रयोगशाला में किया जाए। उन्होंने महात्मा गांधी जी के विचारों को भी सबके समक्ष रखा कि जहां रोशन होगा वहां पोषण नहीं होगा। इसलिए हमें मृदा एवं उसमें बस से जीवाणुओं को संरक्षित कर प्राकृतिक खेती के ओर अग्रसर होना चाहिए। माननीय प्रधानमंत्री ने पराली जलाने पर भी रोक लगाने की अपील की है एवं उस पराली से केंचुआ खाद और मल्चिंग में इस्तेमाल करने के फायदों का उल्लेख किया। कार्यक्रम में मौजूद वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान श्री आरके जलज ने उपस्थित कृषकों से पराली नहीं जलाने का अनुरोध किया एवं उसे पशु चारे के रूप में इस्तेमाल करने की सलाह दी। मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर रामाकांत सिंह ने वर्मी कंपोस्ट के द्वारा प्राकृतिक खेती की सलाह किसानों को दी। डॉ रतन कुमार उद्यान वैज्ञानिक ने वालों के प्रयोग द्वारा मशरूम की खेती का प्रशिक्षण दिया। इस कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय के 50 छात्र-छात्राओं के अलावा जीविका समूह संझौली काराकाट बिक्रमगंज सूरजपुरा इत्यादि से 100 जीविका दीदियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान वर्षा कुमारी, एचपी शर्मा, सुबेश कुमार इत्यादि उपस्थित थे।
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