
सासाराम (रोहतास) मानव सेवा वह भी गरीब, लाचार, बेसहारा ,असहाय, कमजोर लोगों की सेवा करना सबसे बड़ी उत्तम कार्य है। ऐसे ही गरीबों के मसीहा पेशे से शिक्षक इंद्रदेव सिंह ने अपने गांव झलखोरिया में अपनी बहन के श्राद्ध के अवसर पर लोगों के बीच 101 कंबल बांटने का सर्वोत्तम कार्य किया। यह अपने आप में बेमिसाल है कि बहन के श्राद्ध के अवसर पर दरिद्र नारायण की सेवा कर अत्यंत ही पुण्य का कार्य किया है। आज के समय में सेवा का भी अनेक रूप है। जिसमें लोगों की भरपूर मदद की जा सकती है। इस ठंड के मौसम में गरीबों की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है
ठंड से बचने का उपाय करना है ताकि उनका जीवन इस कड़कती ठंड में भी बचा रहे। इसलिए शिक्षक इंद्रदेव सिंह ने ये कार्य अपने ही गांव में ही करके एक मिसाल कायम किया है जो कि आने वाले पीढ़ियों के लिए एक उदाहरण बन सकता है। ऐसे मौके पर गरीबों की सेवा की जाए। इस अवसर पर इंद्रदेव सिंह ने कहा कि मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। इससे इंसान के अंदर एक अच्छी भावना का उदय होता है। हमेशा एक दूसरे की भलाई करती रहें। परोपकार करने से आत्मीयता बढ़ती है। इंसान के अंदर एक संस्कार उत्पन्न होता है जो कि एक इंसान को इंसान से जोड़ता है और उसका अहमियत को समझता है। एक दूसरे के दुख सुख में शामिल होने से अपनापन का एहसास एहसास होता है। इस मौके पर सम सोसाइटी ऑफ इंडिया के संस्थापक सदस्य संजय पासवान, लच्छू सिंह, रामचंद्र सिंह, जगरोपन सिंह ,जितेंद्र सिंह, वीर प्रताप सक्सेना सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जनता उपस्थित थे।