
-रोहतास जिले के प्रखंड स्तरीय अधिकारी के यहां बैठा था। अपने एक परिचित के साथ जो एक अंतराष्ट्रीय स्तर के स्कूल में प्रिंसिपल हैं उनके जमीन के मामले के संबंध में बातचीत करने के लिए। जमीन की खरीद के सालों बाद एक अलग तरह का दावेदार सामने आया। उस संदर्भ में थोड़ा संवाद मेरे साथ आए व्यक्ति ने अधिकारी के साथ की। खैर किसी अधिकारी से मैं काफी लंबे समय बाद प्रभावित हुआ। लगातार फरियादियों की भीड़ और सभी से धैर्य पूर्वक बात करने की शैली पहले से मन में बनी एक भ्रांति को दूर कर रही थी। एक दूसरे फरियादी को सुन मैं काफी हतप्रत हुआ। अधिकारी के नाम पर किसी व्यक्ति ने पैसे वसूली करने का प्रयास किय़ा। जबकि उससे किसी भी तरह का परिचय नहीं था।
आपको गांव-मोहल्ले और शहर में इस तरह के हजारों लोग मिल जाएंगे। जो अधिकारी से काम कराने का दावा करेंगे। इस तरह का फर्जीवाड़ा खलीहर बिहार में कई जगह देखने को मिलेगा। छूटभैये नेताओं की यह फौज इस तरह के ग्राहकों को हर दिन तलाशते ब्लॉक, अनुमंडल, थाने के अलावा एसपी और डीएम कार्यालय में भी देखने को मिलेगी। इसके अलावा बड़े अधिकारियों और राजनेताओं के साथ फोटो दिखाकर प्रभावित करने की कोशिश करने वाले भी। छोटे स्तर के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी को प्रभावित करने के लिए इस तरह के लोग बड़े अधिकारियों और राजनेताओं से संबंध होने और उनसे निकटतम संबंध होने का दावा करते दिखेंगे। उनको प्रभावित कर अपनी दलाली चमकाने का भी। आखिर चेहरा तो….
-गोविंदा
(यह लेखर के निजी विचार हैं. )
