
बिक्रमगंज (रोहतास) : स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र में शनिवार को पांच दिवसीय प्रसार कार्यकर्ता का वर्मी कंपोस्ट उत्पादन एवं विपणन विषय पर पर चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हो गया । केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान आर के जलज ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे जीविका दीदियों से अनुरोध किया कि प्रशिक्षण उपरांत प्राप्त ज्ञान को अपने गांव के लोगों में बांटकर वर्मी कंपोस्ट उत्पादन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं जिससे जैविक उत्पाद हमारे समाज को प्राप्त हो और मिट्टी हवा एवं जीवों के स्वास्थ्य में सुधार हो।
प्रशिक्षक वैज्ञानिक डॉ रमाकांत सिंह ने जीविका दीदीयो से कहा कि कम लागत मूल्य में वर्मी कंपोस्ट इकाई की स्थापना कर वर्मी कंपोस्ट, वर्मी वाश बनाएं और उसका उपयोग अपने खेत में जैसे हम यूरिया डीएपी और पोटाश का उपयोग करते हैं उसके प्रति पूर्ति के रूप में प्रयोग करें तो हमारा उत्पादन गुणवत्ता युक्त एवं स्वास्थ्यवर्द्धक होगा। साथ ही इससे ग्रामीण युवाओं में रोजगार के अवसर भी बनेंगे। वर्मी कंपोस्ट का बाजारीकरण करके आय प्राप्त किया जा सकता है। कम लागत मूल्य के इकाई निर्माण में लगभग 800 रुपए प्रति इकाई (10 × 3 × 2.5) का खर्च होता है और 3 महीने बाद 3000 का मुनाफा प्राप्त हो सकता है।
प्रशिक्षक वैज्ञानिक डॉ रतन कुमार ने प्राप्त वर्मी कंपोस्ट का सब्जी, फल एवं धान्य फसलों फसलों में उपयोग पर विधियों के बारे में जानकारी दिए साथ ही वर्मी वाश बनाने की तकनीकी पर विस्तृत चर्चा किए। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि छिड़काव के लिए 10 एमएल प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने से पौधों में सार्थक रोगमुक्त वृद्धि प्राप्त होती है। हरेंद्र कुमार ने चल चित्र के माध्यम से प् जीविका दीदियों को प्रशिक्षित किया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के अभिषेक कुमार, सुवेश कुमार, वर्षा कुमारी सहित 42 जीविका दीदियों ने भाग लिया।
