करगहर (रोहतास) एसएन कॉलेज शाहमल खैरा देव कॉलेज की चहरदिवारी ध्वस्त हो गई है लेकिन कॉलेज प्रशासन मौन है। जो आज कॉलेज प्रबंधन की अदूरदर्शिता और यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन से आवंटित राशि व विकास मद की राशि में अनियमितता करने के मामले में यह कॉलेज सुर्खियों में रहा है।महाविद्यालय के कर्मी प्रबंधन के डर से कुछ भी बोलने से कतराते हैं। लेकिन स्थल पर मौजूद कॉलेज परिसर में अर्द्ध निर्मित आर्टोरियम , खेल स्टेडियम, महिला छात्रावास तथा ध्वस्त चारदीवारीयां लूट की कहानी बयां कर रही है। नाम न छापने की शर्त पर छात्रों ने बताया कि 6 एकड़ भू-भाग में कॉलेज परिसर स्थित है। जिसमें कई नवनिर्मित, अर्द्ध निर्मित आर्टोरियम निर्माण किए गए। इन भवनों के निर्माण कार्य के दौरान व्यापक अनियमितता की गई है।
नवनिर्मित आर्टोरियम निर्माण के दौरान आंधी का एक झोंका भी बर्दाश्त नहीं कर सका और निर्माण के दूसरे माह ही ध्वस्त हो गया । वहीं दूसरी ओर महाविद्यालय की सुरक्षा के लिए निर्मित चहरदीवारी विगत 5 वर्षों से ध्वस्त है। जिसका निर्माण आज तक नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि विकास मद की राशि से विभिन्न कार्यों के नाम पर राशि की निकासी कर ली गई। लेकिन महाविद्यालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था का मुद्दा इनके लिए कोई महत्व नहीं रखता। राशि बंदरबांट कर ली गई। लेकिन चहरदीवारी टूटने से रात में असामाजिक तत्वों का आवाजाही बना रहता है।
कालेज प्रबंधन द्वारा यहां दो नाइट गार्ड प्रतिनियुक्ति किया गया है। जो रात में असामाजिक तत्वों के भय से दुबके रहते हैं। फल स्वरूप महाविद्यालय में असामाजिक तत्वों ने कई बार चोरी की घटना को अंजाम दिया है। कई छात्रों ने बताया कि क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक कॉलेजों के स्नातक परीक्षा केंद्र यहां स्थापित किया जाता है। परीक्षा के दौरान चहरदीवारी टूटने के कारण परीक्षार्थी के अभिभावक व अन्य लोग परिसर में घुसकर सुरक्षा व्यवस्था को भंग कर देते हैं। छात्रों ने बताया कि कॉलेज में व्याप्त समस्याओं को लेकर जब यूनिवर्सिटी में शिकायत की गई तो उन्हें मानसिक यंत्रणा झेलनी पड़ी। छात्रों ने यह भी बताया कि महाविद्यालय में शैक्षणिक व्यवस्था पूर्णतः समाप्त हो गई है। यह सिर्फ छात्र नामांकन, रजिस्ट्रेशन, परीक्षा फार्म जमा करने और परीक्षा देने के लिए आते हैं।
कॉलेज निर्माताओं के परिजनों ने बताया कि 1980 के दशक में जिस स्थिति में महाविद्यालय को छोड़ा गया था। वही स्थिति आज भी है। बीबीए, बीसीए, बीएड अन्य कोई तकनीकी पढ़ाई के लिए कोई फैकेल्टी की सुकृति विश्वविद्यालय से नहीं ली गई। फल स्वरूप यहां के छात्रों को तकनीकी पढ़ाई के लिए बाहर जाना पड़ता है। उन्होंने कॉलेज प्रबंधन द्वारा किए जा रहे अनियमितता की जांच करने की मांग की।
जानिये क्या कहते हैं प्राचार्य
प्राचार्य एस एन लाल ने बताया कि सुरक्षा कारणों को देखते हुए ध्वस्त चारदीवारी का निर्माण कराया जाएगा। महाविद्यालय में छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए शैक्षणिक वातावरण बहाल किया जाएगा ।