
डेहरी आन सोन (रोहतास) मानव जीवन में मोक्ष का मार्ग भगवत भजन से ही संभव है। मनुष्य को व्यस्ततम समय में भी कुछ वक्त निकाल कर ईश्वर भक्ति करनी चाहिए। इससे संतोष का भाव और आत्म तृप्ति मिलती है। यह ज्ञान हो जाता है कि संपत्ति और विपत्ति आती जाती रहती है। ये बातें भागलपुर सबौर से चल कर आए आशुतोष जी महाराज ने कहीं। झुंझुनूवाला वाटिका में बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन शाखा डेहरी डालमियानगर सह अध्यक्ष महर्षि मेहीं ध्यान योग आश्रम डेहरी में पवन झुनझुनवाला की माताजी स्वर्गीय आचकी देवी की 10 वीं पुण्यतिथि पर सत्संग सभा में कहीं।
आशुतोष महाराज ने कहा कि कलियुग मे मुक्ति पाने का मार्ग बहुत ही सरल और सुगम है। जिसके द्वारा मनुष्य जन्म जन्म के बंधनों से मुक्ति पाकर मोक्ष की प्राप्ति करता है। वही इस युग मे हरि नाम स्मरण मात्र से ही मुक्ति मिल जाती है। बाबा ने कहा कि कलयुग मे मोक्ष प्राप्ति का मार्ग बहुत ही सुगम है। मनुष्य अपना कर्म करते हुए भी बडी सरलता से मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। लेकिन इस झूठी शानो शौकत के चक्कर मे फंसकर वह अपना कीमती समय यूं ही बर्बाद कर रहा है। वह प्रतिदिन पतन के मार्ग की ओर अग्रसर हो रहा है। पूर्व मे जहां ऋषि मुनि हजारों बर्षो तक तपस्या करके ईश्वर को प्रसन्न करने का प्रयास करते थे। वहीं इस कलयुग मे ईश्वर के नाम मात्र का चितंन करने से मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
सत्संग में मौजूद अध्यक्ष पवन झुनझुनवाला, श्रीमती मीना झुनझुनवाला,जय गोविंद सिंह ,नरसिंह अग्रवाल, संत शर्मा , वेद प्रकाश शर्मा,अशोक सिंह ,भोला प्रसाद, बिहारी प्रसाद केसरी, व्यास प्रसाद, गौतम पंडित, राजू सोनी ,भिखारी प्रसाद ,संतोष सोनी, ओम केजरीवाल ,अर्जुन केसरी ,श्रवण कुमार अटल, चंदन शर्मा ,ऋषि पाल, ज्योति झुनझुनवाला, सोनू झुनझुनवाला, माया झुनझुनवाला, अनिल सिंह सहित सैकड़ों संत परिवार के भक्त मौजूद थे.
