
मानसून में आंखों के इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। बरसात के मौसम में आंखों का विशेष ख्याल रखने की ज़रूरत होती है। आंखें काफी सेंसेटिव होती हैं और इनकी देखभाल में लापरवाही महंगी पड़ सकती है। बारिश में नहाना और मौज-मस्ती करना हर किसी को पसंद होता है। इस मौसम में खुद को स्वस्थ रखना एक चुनौती होती है। बरसात के मौसम में आंखों की समस्याएं बढ़ जाती हैं। कई बार आंखों में गंदा पानी जाने से इंफेक्शन और आंख लाल होने जैसी परेशानी हो जाती है। मनुष्य की आंखें सबसे ज्यादा सेंसेटिव होती हैं, इसलिए इनका खास ख्याल रखने की ज़रूरत होती है। आंखों में किसी भी तरह की दिक्कत होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

बारिश के मौसम में वायरल कंजंक्टिवाइटिस फैलने का खतरा बढ़ जाता है। आम भाषा में इसे आई फ्लू या आँख आ जाना कहा जाता है। खासतौर से जब किसी इलाके में आई फ्लू फैल रहा हो, वहां रहने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। इसके अलावा, बारिश के मौसम में कॉर्निया से रिलेटेड फंगल इंफेक्शन के मामले भी बढ़ जाते हैं। वातावरण में ह्यूमिडिटी बढ़ने की वजह से इंफेक्शन और वायरल का खतरा ज्यादा हो जाता है। लोगों को यह जानने की ज़रूरत है कि बारिश के पानी में नहाने से आंखों को खतरा नहीं होता है, लेकिन इसके बाद आंखों को साफ पानी से धो लेना चाहिए, बरसात के मौसम में हाइजीन यानी साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी होता है। इस मौसम में हैंडवाश करते रहना चाहिए और बार-बार आंखों को टच नहीं करना चाहिए। दिन में दो बार आंखों को साफ पानी से धोना चाहिए।
अगर आंख में किसी तरह की परेशानी होने पर तुरंत आई स्पेशलिस्ट से संपर्क करना चाहिए। कभी भी आंखों का इलाज डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से समस्या बढ़ने की आशंका रहती है। इसके अलावा जो लोग आंखों की किसी डिजीज से जूझ रहे हैं, उन्हें इस मौसम में बाहर निकलने से बचना चाहिए।
डॉ अभय कुमार राय,
कैनाल रोड, डेहरी