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-गोविंदा मिश्रा, फाउंडर और मैनेजिंग एडिटर, केबी न्यूज
रोहतास (Rohtas) जिले के डेहरी-ऑन-सोन शहर (Dehri-on-sone) से 20 किलोमीटर दूर तिलौथू (Tilouthu) में स्थित सरकारी स्कूल (Government School) की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है। सरकारी स्कूलों के आलम को देखकर परेशान रहने वाले लोग स्कूल का पूरा परिसर और शिक्षण प्रणाली देखकर हैरान हो जाते हैं। इस बदलाव का श्रेय स्थानीय लोग प्रभारी प्राचार्य मैकू राम के किए मेहतन को देते हैं। 5 साल पहले स्कूल का प्रभारी बनने के बाद व्यक्तिगत रूचि रखकर उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सहयोग लिया और विकास के लिए लगातार पहल करते रहे।
तिलौथू निवासी बीजेपी नेता संजय तिवारी कहते हैं कि तिलौथू का उच्च विद्यालय आजादी के पहले से इस इलाके में शिक्षा का अलख जगाने का प्रयास काम कर रहा है। लेकिन पिछले तीन दशक से पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गया था। उन्होंने इस बदलाव के पीछे नेतृत्व क्षमता के धनी प्रभारी प्राचार्य के प्रयास को दिया है।
वरिष्ठ पत्रकार सतीश कुमार मिश्र कहते हैं कि यह तिलौथू के लिए गर्व की बात है कि उच्च विद्यालय की शिक्षण प्रणाली औऱ आंतरिक व्यवस्था की पूरे प्रदेश में चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृष्य में यह एक विशेष संदेश दे रहा है। अगर सरकारी स्कूलों में व्यवस्था अच्छी हो तो बच्चों को इसमें पढ़ाने से परहेज नहीं कर रहे हैं।
रोहतास जिले का तिलौथू प्रखंड लंबे समय तक नक्सल प्रभावित रहा है। रोजगार के अवसर की तलाश में बड़े पैमाने पर पलायन भी हुआ है। कृषि आधारित व्यवस्था पर ज्यादातर लोगों की निर्भरता है। शिक्षा के क्षेत्र में इस तरह की पहल निश्चित तौर पर एक मिल का पत्थर साबित होगी।
प्रभारी प्राचार्य मैकू राम तिलौथू के पास के रहने वाले हैं। उनसे हमारी टीम की मुलाकात बारिश के दौरान हुई। कैम्पस में एंट्री के बाद खूबसूरत गार्डेन आपका स्वागत करता दिख रहा है। तो माइक से क्लास के संचालन की सूचना आपको कुछ देर के लिए हैरान भी कर देगी। वो बताते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में यहां के बच्चे काफी बेहतर कर रहे हैं। फिलहाल 3000 से ज्यादा बच्चे इस उच्च माध्यमिक विद्यालय में अध्ययनरत हैं और कक्षाओं के नियमित संचालन के लिए नए अनुठे प्रयास किए गए हैं। कहते हैं कि स्मार्ट क्लासेज की परिपाटी को विकसित किया गया है। जिससे छात्रों को वर्तमान शिक्षा प्रणाली से बेहतर तरीके से जोड़ा जा सके।
उन्होंने इस विकास का पूरा श्रेय शिक्षक, शिक्षककेत्तर कर्मचारी और स्थानीय लोगों को दिया है। मैकू ने उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए काफी संघर्ष किया है। उनका मानना है कि शिक्षा ही वह माध्यम है जिससे जीवन में बड़ा बदलाव किया जा सकता है। उनका कहना है कि सम्मान के लिए जरूरी है कि बेहतर कार्य किया जाए। जिससे छात्रों को राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार किया जा सके और जीवन में आगे बढ़ सके। बातचीत के दौरान वो आगे की कार्ययोजना पर लगातार जानकारी देते रहें।
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