
विजय कुमार पाठक, विशेष संवाददाता, रोहतास। कैमूर में शिक्षा की गुणवत्ता को परखने के लिए सितंबर माह में सैंपल सर्वे होगा। इसके लिए डायट व एनजीओ द्वारा उपलब्ध कराए गए छात्रों को ट्रेंड किया जा रहा है। हर जिले के डायट के छात्रों को ‘असर’ संस्था द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पांच दिवसीय शुरू प्रशिक्षण 28 अगस्त को संपन्न हो जाएगा। प्रशिक्षण ले रहे छात्रों को किट दिया जाएगा, ताकि वह सर्वे का काम सरल तरीके से कर सकें। करीब 30 गांवों का सैंपल सर्वे करने के लिए उन्हें सर्वे पुस्तिका, निर्देश पुस्तिका, बच्चों की शिक्षा की जांच करने के लिए टूल्स आदि सामग्री दी जाएगी।
असर (ऐनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट) के एसोसिएट प्रभाकर कुमार ने बताया कि प्रशिक्षित छात्र गांवों में जाकर सैंपल सर्वे करेंगे। एक जिला में 30 गांवों का सर्वे होगा। इन 30 गांवों में से एक गांव के 20 घर का सर्वे किया जाता है। सर्वे करने के लिए गांव को चार भाग में बांटा जाता है। हर भाग से पांच घर का सर्वे होगा। जिस गांव का सर्वे किया जाता है, उस गांव के स्कूल की वित्तीय स्थित, बच्चों की उपस्थिति, सुविधा, शिक्षक के पदस्थापन की जानकारी ली जाती है। घर व विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं तथा बच्चों की मां की शिक्षा की जानकारी ली जाती है।
प्रभाकर ने बताया कि पटना में छात्रों का प्रशिक्षण किया जा रहा है। हर जिले के डायट के छात्र और जहां डायट नहीं है, वहां एनजीओ द्वारा उपलब्ध छात्र प्रशिक्षित किए जा रहे हैं। एक गांव में दो छात्र सर्वे करने जाते हैं। सर्वे के लिए उन्हें किट दिया जाएगा, जिससे वह सर्वे करेंगे। सर्वे में 5 से 16 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को शामिल किया जाएगा। बन बच्चों के शब्द व अक्षर का, अनुच्छेद पढ़ना, कहानी पढ़कर सुनाना को परखा जाता है। गणित में अंक व संख्या की पहचान, हासिल वाला घटाव व भाग बनवाया जाता है। अंग्रेजी में एबीसीडी की पहचान, वर्ड पढ़ना, सेनटेंश पढ़ना व उसका रूपांतरण करना की जानकारी ली जाएगी। डायट के प्रभारी प्रचार्य संजय कुमार कहते हैं हमारे यहां से कोई छात्र अभी तक ट्रेनिंग में नहीं गए हैं।
वर्ष 2005 से संस्था करती आ रही सर्वे
कुमार ने बताया कि असर संस्था देश में वर्ष 2005 से सर्वे कर रही है। सर्वे के लिए सभी सुविधाएं प्रथम संस्था द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। वर्ष 2018 के बाद कोरोना काल में असर का फील्ड सर्वे नहीं हो पाया था। उन्होंने बताया कि इस वर्ष बच्चों की हिन्दी, गणित व अंग्रेजी विषयों की जांच की जाएगी। इस सर्वे में कई तरह के बातों की जानकारी प्राप्त की जाती है, जिसके आधार पर रिपोर्ट बनती है।
छात्रों को पटना में दी जा रही है ट्रेनिंग
बताते हैं कि शिक्षा की गुणवत्ता की जांच के लिए असर का राज्यस्तरीय पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण पटना में दिया जा रहा है। प्रशिक्षण उनके अलावा सुजीत कुमार व विकास द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है। सभी प्रशिक्षक जिला के डायट में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षुओं को सर्वे के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं। डायट के प्रशिक्षुओं द्वारा सर्वे किया जाएगा। जिस जिला में डायट नहीं है, वहां एनजीओ द्वारा सर्वे का काम पूरा किया जाएगा।
प्रथम के रिजनल समन्वयक संजय कुमार ने बताया कि यह सर्वे सितंबर से दिसंबर माह के बीच देश के सभी जिलों में कराया जाएगा। सर्वे से देश के 5 से 16 साल की उम्र के बच्चों के पढ़ने, लिखने, समझने, ज्ञान की स्थिति की जानकारी स्पष्ट होती है। यह रिपोर्ट शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए उपयोगी साबित होती है।
