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डिजिटल टीम, पटना. अपनी वाटर लिफ्टिंग तकनीक से हाल ही चर्चा में आए जमुई के छात्र रोहित के आइडिया पर आईआईटी पटना के विशेषज्ञों ने मुहर लगा दी है। आईआईटी पटना के अकादमिक संकायाध्यक्ष और चर्चित भौतिकशास्त्रत्त्ी डॉ. एके ठाकुर की अध्यक्षता वाले पैनल के समक्ष परीक्षण में यह तकनीक पहले की अपेक्षा और सस्ती निकला। रोहित ने बताया कि आईआईटी में परीक्षण के दौरान यह पाया गया कि ऊपरी डैम से उत्पादित बिजली का मात्र साढ़े 12 प्रतिशत ऊर्जा इस्तेमाल कर वाटर लिफ्टिंग तकनीक से दोबारा बिजली पैदा की जा सकती है।
निचले डैम से ऊपर वाले डैम में एक ही पानी को ले जाकर वाटर रोटेशन की इस तकनीक की सैद्धांतिक स्वीकृति के बाद अब रोहित के साथ से चंद्रगुप्त प्रबंध संस्थान पटना को बड़ी उम्मीद जगी है। चंद्रगुप्त प्रबंध संस्थान पटना से इंक्यूबेटेड रोहित की इस तकनीक को दुनिया में बिजली उत्पादन की सबसे सस्ती तकनीक कही जा रही है। दसवीं पास रोहित के इस आइडिया की देशभर में चर्चा हुई। रोहित को अपने प्रोजेक्ट के प्रस्तुतीकरण के लिये नेशनल वाटर अकादमी पुणे भेजा गया है। वहां 29 अगस्त से दो सितंबर तक एक प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है।
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