
डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। सर, आप शादी करवाते हो। एक पत्रकार से उसके अपने शहर में इस तरह का कोई सवाल पूछता है तो बहुत सारे बातों को मन तलाशने लगता है। शहर के व्यस्त रहने वाले स्टेशन रोड के एक होटल के बाहर मिला राजस्थान के नागौर जिले के कुचामन का रहने वाला राजीव सोनी (बदला हुआ नाम) एकाएक शादी के लिए कितने पैसे लगेंगे यह पूछने लगता है। स्टिंग करने के ख्याल से मोबाइल नंबर लेने के बाद पूरी डिटेल्स इकट्ठा की। अपने संपर्क से जानने का प्रयास किया कि कुचामन में यह जगह है कि नहीं। अपने परिवार के साथ पहुंचा यह युवक तीन दिनों तक एक निजी होटल में शादी करने के इरादे से रुका हुआ था।
इंटरनेट की खबरों को खंगालने के क्रम में डेहरी-ऑन-सोन के हेरोईन, ब्राउन शुगर, गौ तस्करी का अड्डा होने की जानकारी मिलती है। यहां के रहने वाले अपराधी झारखंड, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा तक आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं। लेकिन यह शहर पूरी तरह शांत दिखता है। नई बाइक और गाड़ियों की रफ्तार दिखा रही है कि शहर में बहुत पैसा आ रहा है लेकिन कहां से इसकी किसी को कोई जानकारी नहीं मिलती। सूत्र बताते हैं कि हेरोईन और ब्राउन शुगर की तस्करी के अड्डों को तलाशने के क्रम में बिहार एसटीएफ की टीम कई बार यहां से घूम कर वापस लौट चुकी है।
बातचीत के क्रम में यहां के एक पत्रकार ने कहा कि अपराधी जिस शहर में शेल्टर लेते हैं वहां किसी भी घटना को अंजाम नहीं देते। तीन दशक तक यह शहर नक्सलियों और आपराधिक प्रवृति वाले लोगों का ठिकाना रहा है। लेकिन आपराधिक घटनाएं नहीं होती दिखी। साफ समझ में आता रहा कि अपराधी अपने आश्रय स्थल पर किसी का ध्यान न जाए इसका लगातार प्रयास करते हैं।
अब यह शहर शादी के बड़े हब के तौर पर विकसित हुआ है। राजस्थान के रेंगर जाति के कमरन राम (बदला हुआ नाम) की विवाहिता महिला से दलालों ने शादी करा दी। दो वर्ष पूर्व लॉकडाउन के दौरान मुंबई में इस महिला ने अपने पति का पैर पिटाई के क्रम में तोड़ दिया। बाद में तलाक का नोटिस भी भेजवा दिया। महिला रोहतास जिले के नौहट्टा थाना क्षेत्र की रहने वाली थी। शादी डेहरी के झारखंडी मंदिर में हुई थी।
जानकार बताते हैं कि डेहरी सहित पूरे जिले में शादी कराने वाला एक बड़ा गिरोह इस काम में संलिप्त है। माना जा रा है कि हर साल करीब 50-70 शादियां करवा रहा है। जिसमें अभिभावकों की सहमति पूरी तरह शामिल है। होटलों में शानदार बुकिंग की जाती है। परिवार के लोगों को पैसे देकर बाराती इकट्ठा कर सहमत किया जाता है। कमजोर परिवार के लोगों को प्रभावित किया जा रहा है। इस तरह की शादी को कानूनी तौर पर रोकना संभव नहीं लगता। राजस्थान में बिहार की बेटियों की अलग तरीके से देखा जाए तो तस्करी हो रही है। लेकिन इस पर न किसी का ध्यान जा रहा है और न ही रोकथाम संभव है।
डेहरी शहर में ही शादी रचाने वाले एक मारवाड़ इलाके के युवक राजीव तलवार (बदला हुआ नाम) की इस संवाददाता से एक बार मुलाकात हुई। पति को एक तरह के ससुराल पक्ष वाले ने अपने कब्जे में रखा था। स्थानीय स्तर पर नौकरी करने वाले शख्स पर सब की नजर बनी हुई थी। घर से बाहर निकलने के बाद लगातार फोन की घंटियां बजने लगी और वहां से जल्द वापस चला गया। कई मामलों में शादी रचाने वाले अपने आपको ठगा सा महसूस करते हैं। लेकिन कानूनी तौर पर कुछ भी करने में असमर्थ रहते हैं। यह युवक बताता है कि यहां के कई परिवार इस तरह की शादियों को कराने का धंधा कर रहे हैं। राजस्थान के कई जिलों में सक्रिय हैं।
तिलौथू के रहने वाले राजनीतिक दल के कार्यकर्ता संजय तिवारी इस तरह की एक घटना शेयर करते हैं। वे बताते हैं कि स्थानीय होटल में राजस्थान से आया एक शख्स पैसे गिन रहा था। सवाल पूछने पर भाग खड़ा हुआ। स्थानीय लोग इस तरह की घटनाओं का जमकर विरोध करते हैं। लेकिन कमजोर तबके के लोगों को बेहतर घर में जाने का विकल्प देकर लोग लड़कियों को दूर राजस्थान में शादी कराने में कामयाब हो रहे हैं।
(इस आलेख में पहचान छूपाने के लिए कई नामों को बदल दिया गया है.)