
सासाराम के प्रतिष्ठित द स्टंफ फैमिली रेस्टोरेंट (The Stump Family Restaurent) के बाद सोन किनारे के बसे शहर डेहरी में एक महीने पहले गोल्डेन हाउस रेस्टोरेंट की शुरूआत इसके प्रबंधन ने की है। न्यू जीटी रोड के किनारे बस स्टैंड के पास यह रेस्टोरेंट में आप तंदूर के बेस्ट आईटम का आनंद उठा सकते हैं। फिलहाल प्रबंधन 35-50 लोगों को किसी भी तरह की पार्टी का आयोजन करने के लिए फ्री में हॉल ऑफर कर रहा है। इसके अलावा 10-15 लोगों के लिए आधे घंटे के लिए हॉल उपलब्ध कराया जाता है। चेन के प्रबंधन से जुड़े राजेश कुमार सिंह का कहना है कि शांत माहौल में लोग अपनी पूरी फैमिली के साथ बेहतर खाने का आनंद उठा सकते हैं। पार्टी के लिए सेपरेट हॉल की व्यवस्था है। इसके साथ ही बिना किसी चार्ज के म्यूजिक का भी आनंद उठा सकते हैं। 10-15 लोगों की पार्टी के लिए आधे धंटे के लिए हॉल उपलब्ध कराया जा रहा है। इस हॉल में पहले से ही खुबसूरत सजावट किया हुआ है। जिसमें आप बड़े और छोटे पार्टी का आयोजन कर सकते हैं।
जानिए यहां आपको करनी होगी कितनी जेब ढीली
यहां पर 6 लोगों के खाने पर 1200 रुपए खर्च आता है। 15 मिनट अधितकम समय में खाना तैयार करने का दावा किया जा रहा है। कम बजट में यहां आप पार्टी का आयोजन कर सकते हैं। बर्थडे पार्टी, रिंग सेरेमनी और ऑफिस की पार्टी के लिए यह बेस्ट प्लेस है। अनुमान है कि 40 लोगों के पार्टी में करीब 15000 रुपए का खर्च आता है। प्रबंधन का कहना है कि बेहतरीन कैटरिंग की सुविधा पूरे शहर में कही भी उपलब्ध कराई जाती है।
जानिए क्या है फ्यूचर प्लानिंग
लॉटरी सिस्टम में 5 से 15 प्रतिशत की विशेष छूट देने की योजना को जल्द लागू किया जाएगा। यहां के बेस्ट आईटम वेज स्प्रींग रोल ,तंदूर के आईटम के अलावा लॉलीपॉप को सबसे ज्य़ादा पसंद किया जा रहा है। इसके अलावा चाईनीज और इंडियन फूड आईटम्स भी काफी पसंद किए जा रहे हैं।
इस रेस्टोरेंट का प्रबंधन करने राजेश कुमार सिंह का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान मार्केट को समझने का मौका मिला। निम्न और उच्च मध्य वर्गीय समाज को टार्गेट कर भोजन तैयार किया जा रहा है। भविष्य़ में झारखंड और छत्तीसगढ़ में इसकी चेन खोलने की भी योजना है। राजेश पास के औरंगाबाद जिले के बारूण प्रखंड के हबसपुर के रहने वाले हैं। स्नातक तक की शिक्षा हुई है। होटल इंडस्ट्री में काम करने के बाद इन्होंने स्वरोजगार का विकल्प चुना। वेटर से काम की शुरूआत की। मध्य प्रदेश के इंदौर और छत्तीसगढ़ के रायपुर और बिलासपुर में नौकरी करते थे। 8 साल तक लगातार काम किया। फिलहाल 10 लोगों को यहां पर रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं।