
पटना। पटना नगर निगम के अंतर्गत पहली बार पटना की 17लाख 25000 जनता सीधे मेयर का चुनाव करने जा रही है। चुनाव की घोषणा होने के बाद प्रत्याशियों की भीड़ भी देखने को मिल रही है पर चुनाव पूर्व कराए गए सर्वेक्षण में पटना की जनता वार्ड 44 की वार्ड पार्षद माला सिन्हा को पटना के मेयर के रूप में देखना चाहती है। सी वोटर के द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में 1500 सैंपल के आधार पर लोगों से सवाल पूछे गए. पटना नगर निगम के अंतर्गत आने वाले 75 वार्डों में लोगों से संपर्क साधा गया। अपना की जनता ने माना कि वार्ड 44 की वार्ड पार्षद माला सिन्हा ने सच में सबसे ज्यादा काम किया है उसके बाद में पार्क बने छठ घाट बने लाइट की व्यवस्था हुई कचरा जोन हरियाली जोन बना घर-घर लोगों को जो सरकारी सहायता मिलनी चाहिए वह मिली बरसों से विवादित सरकारी जमीन को आम जनमानस को समर्पित किया गया संप हाउस का निर्माण हुआ पेयजल की समुचित व्यवस्था की गई और एक सजग जनप्रतिनिधि को जो कुछ भी काम करना चाहिए वह वार्ड 44 में काम पूरा हुआ।
लोगों से सवाल पूछा गया कि जांच के आधार पर कितने लोग वोट करेंगे तो लोगों ने नकारा उनका मानना था कि मैं हर शहर को बड़ी पहचान दिला सकता है इसलिए लोग इस बार चार्ट को दरकिनार करके उनको चुनेंगे जो सही मायने में शहर की तस्वीर बदल सकते हैं ऐसे में माला सिन्हा का किया गया कार्य लोगों के बीच चर्चा का विषय है इसी कारण से लोग चाहते हैं कि पटना नगर निगम का मेयर पद माला सिन्हा को मिले। पटना सिटी इलाके के लोग पटना के निवर्तमान में हर्षिता साहू के कामों से नाखुश दिखे जबकि वे उस इलाके की रहने वाली हैं उनका कहना था कि मेयर के रूप में उनका काम नगर नहीं रहा जो अन्य प्रत्याशी क्षेत्र में बड़ी-बड़ी गाड़ियों से घूम रहे हैं उन्हें लोग नहीं जानते हैं ऐसे में माला सिन्हा की चर्चा पटना सिटी में भी हो रही है।पटना नगर निगम के अंतर्गत पटना साहिब बांकीपुर कुम्हरार दीघा विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इन चारों विधानसभा क्षेत्रों पर भाजपा का कब्जा है।
चारों विधानसभा क्षेत्र के विधायकों से भी बात की गई तो उन्होंने भी इस बात पर सहमति जताई की सही मायने में माला सिन्हा ने अपने वार्ड में काम किया है। पटना नगर निगम क्षेत्र में 20 अक्टूबर को मतदान होना है आधा दर्जन से ज्यादा प्रत्याशी क्षेत्र में सक्रिय है।पर पटना के लोगों के बीच यह सभी नाम नए है। प
टना के चुनावी मिजाज को जानने वाले जानकार बताते हैं कि यहां कायस्थ मतदाता निर्णायक भूमिका में है ऐसे में कायस्थ जाति की माला सिन्हा के पक्ष में मतदाता पहले से गोलबंदी है। बिहार के सबसे ज्यादा शिक्षित मतदाता पटना शहरी क्षेत्र में रहते हैं इस कारण से यहां मतदाताओं को प्रलोभन देकर अपने पक्ष में करना आसान नहीं जातीय समीकरण भी उलझन से भरा हुआ है। 55 फ़ीसदी तक मतदान होने के आसार हैं। नामांकन के बाद स्थितियां और साफ हो पाएगी पर यह तो दीगर है कि जो लोग भी इस बार मेयर का चुनाव लड़ेंगे उन्हें माला सिन्हा से ही मुकाबला करना होगा। लोगों के दबाव में माला सिन्हा पटना से मेयर का चुनाव तो लड़ ही रही है साथ ही साथ वार्ड 44 से वार्ड पार्षद का भी चुनाव लड़ रही है।
सी वोटर के सर्वेक्षण में सर्वाधिक लोकप्रिय नाम होने के सवाल पर माला सिन्हा कहती हैं कि उन्हें वार्ड 44 की जनता ने मौका दिया और उन्होंने जितने भी वादे किए थे पूरे करके दिखलाए। माला सिन्हा कहती है कि जिन लोगों को लगता है कि एक बार काउंसिल क्या कुछ कर सकता है उनके वार्ड में आकर देख ले लोगों के दबाव पर ही वे मेयर का चुनाव लड़ रही हैं उन्हें पूरा विश्वास है कि पटना की जनता उन्हें मौका देगी और वे पटना को देश का नंबर वन शहर बना कर दिखाएंगी सड़क बिजली पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं का निराकरण तो होगा ही साथ ही साथ शहर को क्लीन और ग्रीन बनाने पर जोर दिया जाएगा।