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तिलौथू (रोहतास) इतिहास गवाह है आजादी की जंग में शाह बिरादरी के रूहानी पेशवा मजनू शाह, चिराग अली शाह, मासूम अली शाह, अब्दुल लतीफ शाह, मूसा शाह ने इंकलाबी जत्था तैयार कर अंग्रेजो के खिलाफ जंग लड़ी थी। भारत छोड़ो आंदोलन में इन लोगों ने उसमें भवानी पाठक, महाराज नंदकुमार जैसे तमाम सन्यासियों और साधुओं को लेकर एक जत्था बनाया था, जो लगभग पचास हज़ार लोगों का था। बंगाल से लेकर लाहौर तक गोरिल्ला युद्ध आरंभ किया था। आजादी की जंग में शाह बिरादरी की जो शहादत हुई है उसे आज भी स्वर्ण अक्षरों में इतिहास में लिखा गया है। वही आज के बाजारवद में भी शाह बिरादरी के लोग अपनी मेहनत और ईमानदारी के कारण समाज में अच्छी छवि बनाए हुए हैं। राजनीतिक, सांस्कृतिक और शिक्षा के साथ ही रोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। यह सब बातें हैं शाह बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले ऑल इंडिया शाह साई कमेटी ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष असरिदून साहब ने तिलौथू प्रखंड के सरैया गांव में अपने कमेटी के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा। उनका कहना है कि आजादी को लेकर जितने जंग हुआ उसमें शाह विरादरी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। वही अब सरकार गरीबों और बेसहारों को जो सुविधा दे रही है। उसे इस तरह समाज के लोग गरीबी, कमजोरी और इन सभी सामाजिक बन्धनों से आगे बढ़कर अपनी एक नई पहचान बना रहे हैं। दिन-रात अपनी तरक्की के लिए मेहनत करना और अपने समाज को आगे ले जाना ईमानदार छवि के साथ यही काम ऑल इंडिया शाह साईं कमिटी ऑर्गेनाइजेशन के तत्वाधान में किया जा रहा है।
इस मौके पर कमेटी की ओर से सिकंदरपुर (कैमूर) भभुआ (कैमूर) चकिया चंदौली (यूपी) दानावा (औरंगाबाद) गेवाल बीघा (औरंगाबाद) नबीनगर (औरंगाबाद) इत्यादि अन्य जागहो पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय शाह साई समुदाय के द्वारा भ्रमण किया गया। जिसमे में साथ साथ असलम अख्तर, तारिक अनवर, जाहिद शाह, साफी शाह, जफर पर शाह, डॉक्टर शाहबाज शाह 11 अक्टूबर को पटना आने के लिए आगे किया गया।असलम वकील कैमूर ने पूर्ण सहयोग किया।
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