डिजिटल टीम,रांची. बिहार में प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) के कर्मियों की नियुक्ति और उन्हें हटाने में पैक्स अध्यक्षों की मनमानी नहीं चलने वाली है। पूरे प्रदेश में पहली बार पैक्स कर्मियों के लिए सेवा नियमावली तैयार हुी है। तीस दिनों के अंदर राज्य के सभी पैक्स प्रबंधकारिणी समिति से इसे पारित कराना अनिवार्य किया गया है।इस संबंध में सहकारिता विभाग ने सभी जिलों के सहकारिता पदाधिकारी को पैक्स कार्मिक सेवा नियमावली 2022 भेजी है। सचिव वंदना प्रेयसी के निर्देश में इसे तैय़ार किया गया है. जिस पर सहकारिता मंत्री सुरेंद्र यादव ने सहमति दी है। जिला सहकारिता पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि तीस दिनों के अंदर पैक्स प्रबंधकारिणी समिति से इसे पास करवाकर लागू करवाया जाए।
सहयोग समितियां संयुक्त निबंधक (विपणन) शशि शेखर सिन्हा ने मॉडल नियमावली भेजते हुए कहा है कि पैक्स प्रबंधकारिणी द्वारा नियमावली पारित होने की तिथि से इसे पैक्सों में लागू समझा जाएगा। गौरतलब है कि साल 2008 में पैक्सों को स्वायत्तता मिलने के बाद बिहार में पहली बार सेवा नियमावली तैयार की गई है। इसमें पैक्स कर्मियों की संख्या, पात्रता एवं नियुक्ति प्रक्रिया शामिल है।
पैक्स तीन श्रेणी के होंगे पिछले तीन साल के ऑडिट के आधार पर राज्य में पैक्सों का तीन श्रेणियों में वर्गीकरण किया गया है। ए श्रेणी में दो करोड़ से अधिक पूंजी वाले पैक्स होंगे। बी श्रेणी में 50 लाख से दो करोड़ और सी श्रेणी में 50 लाख तक की पूंजी वाले पैक्स होंगे। इसी तरह ए श्रेणी पैक्स में प्रबंधक, लेखापाल, बहुद्देशीय सहायक, बी श्रेणी में प्रबंधक और बहुद्देशीय सहायक और सी श्रेणी में प्रबंधक रखे जाएंगे। इसके ज्यादा कर्मियों की नियुक्ति तभी होगी, जब पैक्स उन्हें वेतन दे सकता हो।