
पटना : भारतीय सेना में लगभग चार दशकों तक अति प्रशंसनीय कार्य करने हेतु पटना के न्यू पाटलिपुत्र स्थित रिजेन्सी गार्डेन अपार्टमेंट निवासी लेफ्टिनेंट जनरल शशांक शेखर मिश्रा को परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित करने की घोषणा केंद्र सरकार द्वारा की गई है। राज्य के लिए यह अत्यंत गौरव की बात है। गौरतलब, हाल ही में रक्षा मंत्रालय से नियुक्ति की अधिसूचना जारी होने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल शशांक शेखर मिश्रा ने सदस्य (प्रशासनिक) के रूप में कोलकाता ए एफ टी में कार्यभार ग्रहण किया है।
मूल रूप से बक्सर जिला के ग्राम नाट के रहने वाले लेफ्टिनेंट जनरल मिश्रा सेना में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर 39 वर्षों की शानदार सेवा के बाद पिछले साल जुलाई में क्वार्टर मास्टर जनरल (क्यूएमजी) के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। महत्वपूर्ण क्यूएमजी के पद पर वे दो साल रbहे, जिसके जिम्मे में मुख्यतः सेना में लॉजिस्टिक्स व रक्षा भूमि का प्रबंधन है।
लेफ्टिनेंट जनरल मिश्रा ने अपनी पढ़ाई सैनिक स्कूल तिलैया से पूर्ण की। तत्पश्चात उनका चयन जुलाई 1979 में एन डी ए, खड़गवासला के लिए हुआ। आइ एम ए, देहरादून से सैन्य ट्रेनिंग पूरा करने के बाद उन्होंने जून 1983 में कुमाऊं रेजिमेंट की 17वीं बटालियन में कमीशन प्राप्त किया था। उनके नेतृत्व में उनकी बटालियन पंजाब में पाकिस्तान से लगती सीमा पर ‘ऑपरेशन पराक्रम’ का हिस्सा रहने से लेकर अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा पर भी तैनात रही है। उन्होंने इनफेन्ट्री ब्रिगेड, माउन्टेन डिविजन व माउन्टेन स्ट्राइक कोर की कमान में प्रशंसनीय कार्य किया। नैशनल सिक्योरिटी गार्ड के आइ जी ऑप्स के कार्यकाल के पश्चात उन्हें पदोन्नती पर डायरेक्टर जनरल इनफेन्ट्री नियुक्त किया गया। असाधारण व श्रेष्ठ कार्य के लिए ये सेना के प्रतिष्ठित अति विशिष्ट सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से भी अलंकृत किये जा चुके हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल शशांक शेखर मिश्रा ने पूर्व सैनिकों व उनके परिजनों के हित को सदा सर्वोपरि समझा है। उनके अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप कई जगहों पर पूर्व सैनिकों के लिए सी एस डी कैन्टीन की सुविधा बहाल हुई।