
तीर्थ मेला मे करम के पेड़ की हुइ पूजा नृत्य संगीत का आयोजन
उपेक्षित पड़ा है रोहतासगढ – – वक्ता
कैमूर पहाड़ी के रोहतासगढ किला परिसर मे वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा रोहतासगढ तीर्थ मेला का आयोजन किया। अध्यक्षता महरंग उरांव ने की। कार्यक्रम मे एक दर्जन से अधिक राज्यों के हजारों की संख्या मे आदिवासी पहुंचे थे। आदिवासियों ने किला परिसर मे स्थित चार करम के पेड़ों की पूजा अर्चना की।अधौरा के बैगा (आदिवासी पुरोहित) ने करम के पेड़ व उसके नीचे स्थित महादेव की पूजा करवाया। किला परिसर मे स्थित मःच पर कार्यक्रम आयोजित की गयी। उद्घाटन मुख्य अतिथि पूर्व वन व पर्यावरण मंत्री गणेश राम भगत आश्रम के जिलाध्यक्ष गोविंद नारायण सिंह ने किया। कार्यक्रम मे वक्ताओं ने कहा कि सत्रहवा तीर्थ मेला का आयोजन हो रहा है जिसमे देश के कोने कोने से आदिवासी पहुंचते है यहां तक कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविद का भी पदार्पण हो चुका है लेकिन अबतक सरकार का ध्यान नही रहा। देश के आदिवासियों के उत्पत्ति स्थल रोहतासगढ है।इन सत्रह वर्ष मे कुछ सुधार हुआ है लेकिन उतना नही हो पाया कि आसानी से पहुंच सके। आने आधा किलो धूल खा ही लेना है। पहाड पर धर्मांतरण का खेल चल रहा है। आदिवासी महिला सिनगी दई व कइली दई अपने समाज की रक्षा की थी। तेरह बार युद्ध की लेकिन अपने ही गद्दारों के कारण अंतिम युद्ध मे देश के अलग अलग कोने मे आदिवासियों को शरण लेना पड़ा। रोहतासगढ हरिश्चंद्र का किला है। सत्य के लिए हरिश्चन्द्र प्रसिद्ध है। हमे कोई भी अपने संस्कृति से कोई हटा नही सकता।
आदिवासियों से अपील की गयी कि लालच मे धर्मांतरण न करें।कार्यक्रम मे छत्तीसगढ़, झारखंड, बंगाल व मध्यप्रदेश के महिला पुरूष ने मानर के थाप पर करमा. डमकच, सरहुल लूधकी नृत्य प्रस्तुत कर लोगो के मंत्रमुग्ध कर दिये। कुडुक भाषा मे गीत व पारंपरिक गीतो का दौर खुब चला। बंगाल नेपाल झारखंड छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश आंध्र प्रदेश उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र आदि देश के कोने कोने से आदिवासी जुटे थे।
मौके पर गणेश भगत मुख्य अतिथि बिरबल सिंह, महरंग उरांव, गोविंद नारायण सिंह. सुमेर सिंह संजीव गुप्ता महेंद्र कुमार, सुग्रीव सिंह खरवार योगेश वापट, कृष्णा यादव अजय कुमार श्याम नारायण उरांव रामलाल उरांव रवि उरांव, मोती उरांव राजेश उरांव महेंद्र प्रताप सिंह भूपेंद्र नारायण सिंह,सज्जाद खान आदि थे।