रांची, 23 फरवरी (हि.स.)। रांची जिले के मांडर की रहने वाली आईआरबी की गर्भवती महिला पुलिसकर्मी परदेशिया तिर्की और गर्भ में पल रहा बच्चा स्वस्थ है। गुरुवार को रिम्स से इन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने छह घंटे की मशक्कत के बाद ऑपरेशन कर महिला पुलिसकर्मी परदेशिया के सिर में फंसी गोली निकाल दी है। इधर, गर्भ में पल रहा बच्चा भी स्वस्थ है। महिला को पति मंगल कुजूर ने गोली मार दी थी और सरेंडर करने होटवार जेल चला गया था। इसके बाद मांडर पुलिस ने उसे वहां से लाकर जेल भेजा था। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने हथियार भी बरामद किया।
जानकारी के अनुसार रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग में एक महिला पुलिसकर्मी इलाजरत थी। उसके सिर में बंदूक की गोली फंसी हुई थी। वह गर्भवती भी थी। सिर में गोली लगने के बाद उसे रिम्स के जनरल सर्जरी विभाग में एडमिट किया गया था, जहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे न्यूरोसर्जरी विभाग में डॉ प्रोफेसर अनिल कुमार की यूनिट में भर्ती किया गया था। इसके अगले दिन तकरीबन छह घंटे की सर्जरी के बाद सर के अंदर से बुलेट डॉक्टरों ने निकाली। डॉक्टरों के मुताबिक बुलेट सिर की हड्डी को क्षति पहुंचाते हुए ब्रेन के अंदर चली गई थी। इस वजह से ब्रेन का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। डॉक्टरों ने बताया कि यह एक चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन था। ऐसी स्थिति में गर्भ में पल रहे बच्चे तथा मां दोनों को खतरा होता है। ऑपरेशन के बाद महिला और गर्भ में पल रहा बच्चा दोनों बिल्कुल स्वस्थ हैं। उन्हें गुरुवार को डिस्चार्ज कर दिया गया।
रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ अनिल कुमार के नेतृत्व में डॉ विराट हर्ष, डॉ सौरव बेसरा, डॉ दीपक, डॉ अशोक, डॉ विकास कुमार, डॉ हबीब, डॉ कार्तिक और डॉ दीक्षा ने इस ऑपरेशन को सफल बनाया।
बताया जाता है कि जिस महिला का सफल ऑपरेशन किया गया, वह आईआरबी की जवान थी। उसका नाम परदेशिया तिर्की है। वह मांडर के कोरांबी सकरपदा गांव की रहने वाली है। उसे उसके पति मंगल उरांव ने ही गोली मारी थी। गोली लगने के बाद उसे इलाज के लिए आनन-फानन में रिम्स लाया गया था जहां सफल ऑपरेशन कर उसकी और गर्भ में पल रहे बच्चे की जान बचा ली गयी।