भोपाल, 23 फरवरी (हि.स.)। मध्यप्रदेश में नई शराब नीति को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ आमने-सामने आ गए हैं। गुरुवार को उनके बीच इस मामले को लेकर ट्वीट शुरू हो गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मध्यप्रदेश को मदिरा प्रदेश कहा तो मुख्यमंत्री चौहान उन पर भड़क गए। शिवराज ने इसे प्रदेश की साढ़े 8 करोड़ जनता का अपमान करार दिया। कमलनाथ ने इसके जवाब में कहा कि ‘मदिरा प्रदेश’ शब्द तो आप ही प्रदेश के लिए उपयोग में लाए थे। इधर कमलनाथ के बयान के विरोध में राजधानी भोपाल, उज्जैन समेत प्रदेश के कई शहरों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कमलनाथ के पुतले फूंकें।
दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति में अहाते और शाप बार बंद करने, धार्मिक स्थल, शैक्षणिक संस्था और बालिका छात्रावासों से सौ मीटर के दायरे से शराब दुकानें हटाने का प्रावधान किया है। इसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने गुरुवार को छिंदवाड़ा में पत्रकारवार्ता में कहा था कि एक समय में हमसे पूछा जाता था कि आप कहां से आए हैं तो हम एमपी कहते थे। तब लोग समझ जाते थे कि मध्य प्रदेश, परंतु आज शिवराज सरकार में एमपी का अर्थ मदिरा प्रदेश हो गया है। सरकार ने शराब को सस्ती करने का फैसला लिया है।
कमल नाथ के मध्य प्रदेश को मदिरा प्रदेश कहने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे मध्य प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता, संस्कृति और परंपराओं का अपमान बताते हुए चेतावनी दी कि आपका विरोध हमसे है तो आप हमें गाली दीजिए, लेकिन हम मध्य प्रदेश का अपमान सहन नहीं करेंगे। हमने जनभावनाओं, माताओं-बहनों के सम्मान को देखते हुए नशे को हतोत्साहित करने के लिए आबकारी नीति बनाई है। आपकी नीति ठेकेदारों के लिए बनती थी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कमल नाथ जी को मध्य प्रदेश की माटी, यहां के संस्कार, संस्कृति से लगाव नहीं है। वे यहां की जड़ों से नहीं जुड़े हैं। प्रदेश के भोले-भाले लोग मेहनती, ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और देशभक्त हैं। आपने सरकार में रहते हुए शराब ठेकेदारों को उप दुकान खोलने की अनुमति दे दी थी। लाइसेंस के नियम आसान करने की नीति बना दी थी। आनलाइन शराब बेचने और महिलाओं-बहनों के लिए अलग से शराब की दुकानें खोलने का प्रविधान कर दिया था। आप हमारा विरोध करें, हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मध्य प्रदेश का अपमान न करें।
इस पर कमल नाथ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शिवराज जी, जिस शब्द को लेकर आपत्ति है, वह तो आपने ही मध्य प्रदेश के लिए उपयोग में लाया था। आपकी सरकार ने देशी और विदेशी शराब की संयुक्त दुकान खोलकर दुकानों की संख्या ही दोगुनी कर दी। आपकी नीति घर-घर दारू पहुंचाने की है, इसके लिए प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।