रांची, 23 फरवरी (हि.स.)। झारखंड में सरकार गिराने की साजिश से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में रांची के अरगोड़ा थाना प्रभारी बिनोद कुमार सिंह समन के बावजूद ईडी कार्यालय नहीं गये।
ईडी की ओर से समन जारी किए जाने के बाद रांची के अरगोड़ा थाना के थाना प्रभारी विनोद कुमार सिंह ने झारखंड हाई कोर्ट की शरण ली है। अरगोड़ा थाना प्रभारी ने झारखंड हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दाखिल की है। अपनी याचिका में उन्होंने ईडी द्वारा उन्हें समन देकर पूछताछ के लिए बुलाए जाने की प्रक्रिया को अनुचित बताया है। फिलहाल इस याचिका पर अदालत में सुनवाई नहीं हुई है।
उल्लेखनीय है कि झारखंड के कांग्रेस विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह ने पिछले साल 31 जुलाई को कांग्रेस के एक अन्य विधायक इरफान अंसारी के खिलाफ झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार को गिराने के लिए 10 करोड़ रुपये और मंत्री पद की पेशकश के लिए शून्य प्राथमिकी दर्ज कराई थी। यह जीरो एफआईआर अरगोड़ा पुलिस स्टेशन द्वारा बंगाल पुलिस को स्थानांतरित कर दी गई थी। इस मामले में ईडी कांग्रेस से निलंबित तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाडी से पहले ही पूछताछ कर चुकी है। अरगोड़ा थाना में दर्ज एफआईआर को ही जीरो एफआईआर कर हावड़ा पुलिस को भेजा गया था। इसके बाद तीनों विधायकों को सरकार गिराने की साजिश से जुड़े केस में जेल भेज दिया गया था। ईडी इस बात की पड़ताल कर रही है कि किसके आदेश से अरगोड़ा थाने में दर्ज केस को जीरो एफआईआर में तब्दील कर बंगाल पुलिस को भेजा गया था। ईडी को इस मामले में जीरो एफआईआर को लेकर जानकारी हासिल करनी है।