
दिनारा (रोहतास) वांग्मय परिषद दिनारा के सभागार में रविवार को एक संगोष्ठी आयोजित हुई। जिसमें क्षेत्र के युवा इतिहासकार लक्ष्मीकांत मुकुल की हाल में प्रकाशित पुस्तक “यात्रियों के नजरिए में शाहबाद” का लोकार्पण परिषद के अध्यक्ष लक्ष्मण चौबे, कॉमरेड गोपाल राम, सत्यनारायण साह एवं कमला प्रसाद सिंह शिक्षक के कर कमलों से संपन्न हुआ। इस पुस्तक में वर्णित दिनारा क्षेत्र के ग्रामीण एवं लोक इतिहास से संबद्ध विषयों पर व्यापक चर्चा भी हुई। अंग्रेजी शासन के समय का दिनारा, यहां के निवासियों की प्रतिरोधी चेतना एवं दिनारा परगना से प्रखंड कार्यालय बनने तक की कहानियों पर इस पुस्तक के माध्यम से विमर्श किया गया। उपस्थित कवियों ने अपना समकालीन समस्याओं पर काव्य पाठ भी किया। इस अवसर पर शालिग्राम पांडेय, जगनारायण साह, सूरज पांडेय, इतिहास लेखक लक्ष्मीकांत मुकुल, श्रीकृष्ण दुबे, काशीनाथ सिंह, सीताराम साह, श्रीनिवास दुबे, गौरी शंकर पासवान, बृजेश कुमार (कवि), अमीरचंद सिंह, रामजी सिंह (शिक्षक), बृजेंद्र दुबे एवं तारकेश्वर सिंह आदि विद्वान उपस्थित थे। दिनारा के ग्रामीण इतिहास की खोज के संबंध में युवा इतिहासकार लक्ष्मीकांत मुकुल ने बताया कि इस कार्य को करने की प्रेरणा मुझे दिनारा के कवि स्वर्गीय कमलनयन दुबे से प्राप्त हुई थी। इस अवसर पर कमलनयन दुबे की याद में एक स्मृति ग्रंथ प्रकाशित करने का वांग्मय परिषद द्वारा निर्णय लिया गया।